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Bhopal Hindi Diwas: सीएम शिवराज की पहल, एमपी देश का पहला राज्य जहां हिंदी में होगी विज्ञान और तकनीकी की पढ़ाई

मध्यप्रदेश में तकनीकी और विज्ञान की पढ़ाई अब हिंदी में होगी. यह ऐलान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हिंदी दिवस के अवसर पर अलंकरण समारोह में किया. शिवराज ने कहा हिन्दी का प्रयोग ना करने और कम प्रयोग करने का कार्य एक तरह की मानसिक गुलामी का प्रतीक है. इस भाव को देश से बाहर निकालना आवश्यक है. हिन्दी के साथ हमारे देश में अनेक भाषाएं हैं. इनके उपयोग के साथ ही राजभाषा में पूरा कामकाज किए जाने की आवश्यकता है. (Bhopal Hindi Diwas) (Hindi Diwas 2022) (Hindi Diwas 2022 Madhya Pradesh) (MP Medical Education In Hindi) (MP Engineering Education In Hindi)

Bhopal Hindi Diwas
हिंदी दिवस 2022 मध्य प्रदेश

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Published : Sep 15, 2022, 7:02 AM IST

भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने रविंद्र भवन सभागम में हिंदी भाषा सम्मान अलंकरण कार्यक्रम मे देश विदेश के हिंदी सेवियों को सम्मानित किया.इस दौरान सीएम ने कहा कि हिंदी उपयोग करने में हमें पीछे नहीं रहना चाहिए, खुलकर हिंदी बोलें. अपने घर में भी अधिक से अधिक हिंदी का उपयोग करें. परिवार के सदस्य हिंदी बोलने में कंजूसी ना करें. अंग्रेजी के शब्दों के बोझ से अपनी आत्मा को ना दबाएं. उन्होंने कहा कि संसद में भी अनेक सांसदों को अंग्रेजी में अपनी बात कहते देखा है. शायद वे मानते हैं कि अंग्रेजी बोलेंगे तो हमारा अलग रूतबा होगा. (Bhopal Hindi Diwas) (Hindi Diwas 2022) (Hindi Diwas 2022 Madhya Pradesh)

एमपी देश का पहला राज्य जहां हिंदी में होगी विज्ञान और तकनीकी की पढ़ाई

हिन्दी दिवस मनाना कर्मकांड नहीं, संकल्प है:मध्यप्रदेश में गांधी मेडिकल कालेज, भोपाल में चिकित्सा की पढ़ाई इसी सत्र से हिन्दी में प्रारंभ होगी. इसके साथ ही इंजीनियरिंग और विज्ञान तकनीकी से जुड़े अन्य पाठ्यक्रमों को भी हिंदी में पढ़ाने की शुरुआत भी राज्य में की जाएगी. सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी हिन्दी के प्रयोग को बढ़ाया जाए. अटल जी का स्मरण करते हुए कहा कि वे संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में संबोधन दिया था. जो किसी भारतीय राजनेता द्वारा प्रथम बार संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी में दिया गया संबोधन था. हिन्दी को अपनी मातृ भाषा बनाएं. हिन्दी को प्रतिष्ठित करना हम सबका कर्तव्य है. हम मध्यप्रदेश में हिन्दी के प्रोत्साहन के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं. हिन्दी दिवस मनाना कोई कर्मकांड नहीं है बल्कि एक संकल्प है. हम अपने जीवन में हिन्दी के प्रयोग और कामकाज में हिन्दी का ही उपयोग करने का संकल्प लें.

सीएम शिवराज की पहल

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नई शिक्षा नीति में हिन्दी को बढ़ावा:मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बात कचोटती है कि, हिन्दी भाषा सम्मेलन और हिन्दी दिवस कार्यक्रम करना पड़ता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवीन शिक्षा नीति में हिन्दी और भारतीय भाषाओं को बढ़ावा दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुवाद की शुद्धता पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए. अक्सर विधेयकों की भाषा कोई समझ नहीं पाता. हिन्दी ने कुछ भाषाओं के शब्दों को भी आत्मसात कर लिया है.

हिन्दी सेवी हुए सम्मानित: कार्यक्रम में राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी सम्मान से जयदीप कर्णिक को वर्ष 2019 के लिए, नई दिल्ली की ऋतम संस्था को वर्ष 2020 के लिए सम्मानित किया गया. राष्ट्रीय निर्मल वर्मा सम्मान से डॉ. अर्चना पैन्यूली, डेनमार्क को वर्ष 2018 के लिए डॉ. कृष्ण कुमार, बर्मिघम को वर्ष 2019 के लिए रोहित कुमार “हैप्पी”, न्यूजीलैंड को वर्ष 2020 के लिए सम्मानित किया गया. राष्ट्रीय फादर कामिल बुल्के सम्मान से आनी मांतो, पेरिस को वर्ष 2018 के लिए। डॉ. बीरसेन जागा सिंह मारीशस को वर्ष 2019 के लिए और प्रो हिदेआकि इशिदा, टोकियो को वर्ष 2020 के लिए सम्मानित किया गया.

एक-एक लाख रुपये की सम्मान राशि:राष्ट्रीय गुणाकर मुले सम्मान से वर्ष 2019 के लिए पद्याकर धनंजय सराफ, भोपाल को और वर्ष 2020 के लिए डॉ संतोष चौबे,भोपाल को सम्मानित किया गया. इसी तरह राष्ट्रीय हिन्दी सेवा सम्मान से डॉ शीला कुमारी, त्रिवेंद्रम को वर्ष 2019 के लिए और सुधीर मोता, भोपाल को वर्ष 2020 के लिए सम्मानित किया गया. इन सभी सम्मानों के अंतर्गत प्रत्येक सम्मानित को एक-एक लाख रुपये की सम्मान राशि, सम्मान पट्टिका एवं शाल-श्रीफल प्रदान किया गया. सूचना प्रौद्योगिकी सम्मान हिंदी साफ्टवेयर और इससे जुड़े कार्यों में उत्कृष्ट योगदान के लिए, निर्मल वर्मा सम्मान विदेशों में अप्रवासी भारतीय द्वारा हिन्दी के विकास में योगदान देने, फादर कामिल बुल्के सम्मान विदेशी मूल के हिन्दी प्रचारकों, गुणाकर मुले सम्मान हिन्दी में वैज्ञानिक और तकनीकी लेखन के लिए और हिन्दी सेवा सम्मान अहिन्दी भाषी लेखकों को हिन्दी में सृजन के लिए प्रदान किया गया. सम्मानों के निर्णायकों में प्रतिष्ठित लेखक और हिन्दी सेवी शामिल थे.

हिन्दी सेवियों ने रखे अपने विचार: टोक्यो के प्रोफेसर हिदेआकि इशिदा ने कहा कि भोपाल मध्यप्रदेश में सम्मान को वे स्वयं के लिए बहुत सौभाग्यशाली मानते हैं. डॉ संतोष चौबे ने इस क्षण को स्मरणीय बताया. पेरिस की आनी मान्तो, डेनमॉर्क की अर्चना पैन्यूली ने भी मध्यप्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग की इस पहल को प्रशंसनीय बताया. कार्यक्रम के दूसरे चरण में कवि सम्मेलन हुआ. इसमें प्रख्यात कवि अशोक चक्रधर, कीर्ति काले, डॉ. विनय विश्वास, विष्णु सक्सेना, मधु मोहिनी उपाध्याय,ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को आनंदित किया. (Bhopal Hindi Diwas) (Hindi Diwas 2022) (Hindi Diwas 2022 Madhya Pradesh) (MP Medical Education In Hindi) (MP Engineering Education In Hindi)

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