भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना के लाभ में मध्यप्रदेश में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है. प्रदेश के निजी हाॅस्पिटल में मुफ्त इलाज पाने के लिए लोगों ने बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा किया है. लोगों ने सांठगांठ कर, फर्जी आयुष्मान कार्ड बनवाए और कोरोना काल में इस पर इलाज भी करा लिया. गड़बड़ी सामने आने के बाद शुरू हुई जांच में अभी तक प्रदेश में करीब पौने दो लाख फर्जी आयुष्मान कार्ड पाए गए हैं. भोपाल संभाग में ही 49 हजार आयुष्मान कार्ड जांच में फर्जी पाए गए हैं. मामले में फर्जी कार्ड से इलाज कराने वालों और यह कार्ड बनाने वाले दो दर्जन से ज्यादा लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं.
कोरोना काल में इलाज के नाम पर फर्जीवाड़ा
कोरोना काल में पांच लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज पाने के लिए राज्य सरकार ने बीपीएल कार्ड धारकों से आयुष्मान कार्ड बनवाने की अपील की थी. ताकि कोरोना के इलाज के लिए पैसों की कमी के चलते उन्हें भटकना न पड़े. इस कार्ड की मदद से निजी हाॅस्पिटल में 5 लाख रुपए के इलाज की सुविधा मिलती है. इसके बाद काॅमन सर्विस सेंटर से मिलीभगत कर ऐसे लोगों ने बड़ी संख्या में आयुष्मान कार्ड बनवा डाले, जिसके लिए वह पात्र ही नहीं थे. हाॅस्पिटल में इलाज के लिए पहुंचे ऐसे लोगों के फर्जीवाड़े की शिकायतें कई निजी हाॅस्पिटल संचालकों ने भी की. इसके बाद जांच कराई गई, तो योजना के नाम पर बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. अभी तक की जांच में प्रदेश में 1 लाख 75 हजार से ज्यादा फर्जी आयुष्मान कार्ड पकड़े जा चुके हैं.
कई जिलों में पकड़ में आए फर्जी कार्ड
- राजधानी भोपाल में ही 10 हजार 231 फर्जी आयुष्मान कार्ड पकड़ में आ चुके हैं.
- रायसेन में 4 लाख 92 हजार 477 आयुष्मान कार्ड बनाए गए, जिसमें से 8 हजार 282 कार्ड फर्जी पाए गए.
- राजगढ़ में 5 लाख 68 हजार 480 कार्ड बनाए गए, जिसमें से 8231 आयुष्मान कार्ड फर्जी पाए गए.
- सीहोर में 4 लाख 97 हजार आयुष्मान कार्ड बनावाए गए, जिसमें जांच में 7988 कार्ड फर्जी पाए गए.
- विदिशा में 4 लाख 99 हजार 236 कार्ड बनवाए गए, जिसमें से 6 हजार 670 कार्ड फर्जी पाए गए.