भोपाल।मध्यप्रदेश में चल रहे 93 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता निलंबित कर दी गई है. इस मामले में कांग्रेस ने सरकार और चिकित्सा शिक्षा विभाग को घेरा है. नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने इसको लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों एसीएस मोहम्मद सुलेमान, निशांत वरवड़े और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग तक इस घोटाले में लिप्त बताया है. नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि व्यापमं से बड़ा यह घोटाला है. जिसमें सभी मिले हुए हैं. मध्य प्रदेश के छात्रों का भविष्य अंधकार में है.
इतने घोटाले किसी प्रदेश में नहीं हुए :गोविंद सिंह ने कहा कि सीबीआई और ईडी वैसे तो देशभर में कार्रवाई करती है, लेकिन उन्हें मध्यप्रदेश में इतना बड़ा घोटाला नजर नहीं आ रहा है. वह सिर्फ उन राज्यों और नेताओं पर कार्रवाई करती है जो विपक्ष में हैं. गोविंद सिंह ने कहा कि इस मामले को अब विधानसभा के सदन में भी उठाया जाएगा. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि शिवराज सरकार में मध्य प्रदेश घोटालों का राज्य बन गया है. आजादी के बाद किसी प्रदेश में आज तक नहीं हुए होंगे जितने घोटाले, मध्य प्रदेश में हुए.
अवैध रूप से चल रहे हैं नर्सिंग कॉलेज :नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मध्यप्रदेश में व्यापमं जैसा बड़ा घोटाला हुआ. व्यापमं घोटाले की जांच नहीं हुई. कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद अंकुश लगा. मध्यप्रदेश में 667 नर्सिंग कॉलेज हैं. नर्सिंग कॉलेजों में करीब 7000 छात्र अध्ययन और प्रशिक्षण ले रहे हैं. दूसरे प्रदेशों के भी छात्र कागजों में पंजीबद्ध हैं. अवैध रूप से मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेज चल रहे हैं. कांग्रेस ने पूरे फर्जीवाड़े के प्रमाण दिए थे. इसके बाद भी कोई जांच नहीं हुई. उन्होंने कहा कि फर्जी तरीके से प्रिंसिपल नियुक्त किए गए. एक प्रिंसिपल 4-4 नर्सिंग कॉलेजों में नियुक्त किए गए हैं.