खरगोन। देश में बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए कई योजनाएं चलाए जाने का दावा सरकार करती है, लेकिन जमीनी हकीकत सारे दावों की पोल खोल देती है. जिले में बीते 8 दिनों में लगभग 180 से ज्यादा बाल मजदूरों को रेस्क्यू कर बाल कल्याण समिति लाया गया है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश के भविष्य कहे जाने वाले बच्चों का भविष्य कैसा होगा.
खतरे में देश का भविष्य, 8 दिन में 180 से ज्यादा बाल मजदूरों को किया गया रेस्क्यू - child laborers rescued in khargone
खरगोन में बीते 8 दिनों में लगभग 180 से ज्यादा बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया है. इन्हें बाल कल्याण समिति में रखा गया है.
खरगोन जिले में बाल मजदूरी करने जा रहे नाबालिगों को रेस्क्यू कर बाल कल्याण समिति लाया गया. नाबालिगों को मजदूरी पर भेजने को लेकर पालकों ने बताया कि गांव में काम नहीं है और खेती भी कम है. पेट भरने के लिए बच्चों को भी हाथ बंटाना पड़ता है. वहीं शहर के समाजसेवी नरेंद्र सिंह चावला ने बताया कि देश की शासकीय योजनाएं कागजों पर बनती हैं और कागजों पर ही रह जाती हैं, अगर यह धरातल पर पहुंचती तो आज यह बच्चे हमारे साथ खड़े ना हो कर घरों में पढ़ाई कर रहे होते.