आगर मालवा। गर्मी शुरू होते ही मालवा क्षेत्र में जल संकट शुरू हो गया है. इलाके की प्यास बुझाने वाले टिल्लर बांध का जलस्तर भी डेड स्टोरेज से नीचे जा पहुंचा है. ऐसे में आने वाले दिनों में शहरवसियों को भारी पेयजल संकट का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि शहरवासियों की प्यास बुझाने के लिए जरूरी पानी सुरक्षित रखने की बात प्रशासन ने की है.
मालवा में जलसंकट, गर्मी के मौसम में कैसे बुझेगी लोगों की प्यास?
डेड स्टोरेज से भी नीचे पहुंचा टिल्लर बांध का पानी, गर्मी में कैसे बुझेगी शहरवासियों की प्यास, शहर के लिए प्रतिदिन खर्च हो रहा 20 लाख क्यूबिक मीटर पानी
टिल्लर बांध की कुल क्षमता 52.12 मिलियन क्यूबिक मीटर है. 6.85 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी होने पर बांध का डेड स्टोरेज माना जाता है. बांध के पानी का उपयोग सिंचाई में भी किया जाता है. इस साल बांध की कुल क्षमता का केवल 30 प्रतिशत पानी ही भर पाया था यानि आधे से भी कम. उसके बाद किसानों द्वारा सिंचाई और वाष्पीकरण से ये डेड स्टोरेज के नीचे पहुंच गया है.
हालांकि अब अधिकारियों कहना है कि पेयजल के लिए डैम का 2 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी सुरक्षित रखा जाएगा. वहीं 1 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी उज्जैन जिले के इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और नगर परिषद माकड़ौन को भी दिया जाना है. अभी वर्षा ऋतु में करीब 3 माह शेष है, गर्मी की तपिश भी अभी बाकी है. शहर को भी 20 लाख क्यूबिक मीटर पानी प्रतिदिन चाहिए. वहीं अधिकारी ग्रीष्म ऋतु में भी पानी उपलब्ध कराने का दावा कर रहे हैं. ऐसे में गिरते जलस्तर के बीच ये संभव होगा या नहीं ये तो समय ही बता पाएगा?