भोपाल। लोकसभा चुनाव में करारी हार के चलते कांग्रेस के राष्ट्रीय ही नहीं, प्रादेशिक संगठन में भी बदलाव की मांग जोर पकड़ रही है, हालांकि मौजूदा अध्यक्ष कमलनाथ विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री बनते ही प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ने का अनुरोध आलाकमान से कर चुके है, लेकिन आलाकमान ने ही उन्हें लोकसभा चुनाव तक पद में बने रहने के लिए कहा था.
पंकज चतुर्वेदी, कांग्रेस प्रवक्ता
अब जब लोकसभा चुनाव हो चुका है और मध्यप्रदेश में सरकार की करारी हार हुई है, तब नेतृत्व परिवर्तन की सुगबुगाहट तेज हो गई है, एक तरफ ज्योतिरादित्य सिंधिया की समर्थक उनको प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ संगठन में चर्चा है कि दिग्गजों को छोड़कर किसी नए चेहरे को पीसीसी की कमान सौंपी जाए. हालांकि यह फैसला कांग्रेस आलाकमान को करना है.
लोकसभा चुनाव में हुई करारी हार संगठन और सरकार स्तर पर चर्चा का विषय है. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए वैसे तो कई दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं, लेकिन चर्चा है की नया प्रदेश अध्यक्ष आलाकमान की पसंद का होगा. अध्यक्ष पद के लिए स्थानीय स्तर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम तेजी से उभरा है. हालांकि हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया को राष्ट्रीय महासचिव बनाकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश कमान सौंपी गई थी, लेकिन सिंधिया ना तो उत्तर प्रदेश में कोई कमाल दिखा सके, बल्कि प्रदेश में अपनी ही सीट पर हार गए, फिर भी उनके समर्थक मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के लिए उनकी दावेदारी कर रहे हैं और उनका नाम आगे बढ़ा रहे हैं.
हालांकि सूत्रों की माने प्रदेश अध्यक्ष पद पर हाईकमान की पसंद का कोई नया चेहरा काबिज हो सकता है, नए चेहरे नियुक्ति में कांग्रेसी दिग्गजों की भूमिका होगी कहना मुश्किल है. प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी में अध्यक्ष पद के निर्धारण को लेकर निर्णय कांग्रेस आलाकमान राहुल गांधी को करना है. ये एआईसीसी तय करेगी कि किसको अध्यक्ष बनाना है. यह फैसला कमलनाथ को भी स्वीकार होगा. जहां तक ज्योतिरादित्य सिंधिया को यह दायित्व सौंपे जाने का सवाल है तो यह सच है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्यप्रदेश के ऊर्जावान और नौजवान नेता है. कांग्रेस पार्टी और देश भर में लोकप्रिय हैं. मुझे लगता है कि वह श्रेष्ठ विकल्प हो सकते हैं, लेकिन अंतिम फैसला कांग्रेस आलाकमान को करना है.