खेती को अलविदा कह चुके किसान दोबारा कर रहे किसानी, इस योजना का मिल रहा लाभ
जंगली जानवरों के डर से खेती से पलायन कर लेना बीते समय की बात हो गई है. विशेष रुप से प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना इस दिशा में काफी कारगर सिद्ध हो रही है. सरकार की ओर से कृषकों के विकास के लिए हरसंभव कोशिशें की जा रही हैं
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ऊना: जिला में मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना किसानों के लिए कारगर सिद्ध हुई है. कृषि विभाग द्वारा किए जा रहे अग्रणी कदमों के चलते ही अब विभाग के पास इस योजना के माध्यम से लाभ लेने के लिए जिला भर से 36 कृषकों ने आवेदन किया है
हालांकि इसके पीछे कई कारण रहे, लेकिन सबसे बड़ा कारण योजना के तहत सरकारी स्तर पर अनुदान देने के लिए काफी कम बजट मुहैया कराना था. मौजूदा समय में प्रदेश की भाजपा सरकार के कार्यकाल में प्रदेश के किसानों की आर्थिकी को हर साल होने वाले नुकसान को रोकने के लिए अधिक बजट मुहैया कराने के साथ ही योजना में काफी सुधार भी किया.
प्रदेश सरकार ने साल 2014 में योजना शुरू की थी तो उस समय सौर उर्जा बार्ड बंदी लगाने के लिए किसान के लिए 40 प्रतिशत तक अनुदान देने का प्रावधान किया था, लेकिन अब भाजपा सरकार ने इस अनुदान राशि को 80 प्रतिशत तक कर दिया. इसमें भी दो प्रकार से योजना का लाभ मिल सकता था जिसमें एकल स्तर पर सौर उर्जा बार्ड बंदी स्थापित करने के लिए किसान को 80 प्रतिशत तक अनुदान व सामुदायिक स्तर पर 85 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान देना सुनिश्चित किया. सरकार की तरफ से किसानों के लिए अनुदान राशि बढ़ाने के बाद से अब किसान इस योजना के तहत अपने खेतों की बार्डबंदी कराने के लिए आगे आ रहे हैं. सामुदायिक स्तर पर योजना शुरु करने वाला हरोली गांव बना.