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त्रिभुनेश्वरी देवी को सदियों से माना जाता पशु धन की रक्षा कवच, जानिए मान्यता

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Published : Jul 14, 2019, 12:23 PM IST

नाहन विकास खंड के तहत ग्राम पंचायत कौलांवालाभूड में त्रिभुनेश्वरी माता का मंदिर स्थित है. त्रिभुनेश्वरी माता को त्रिभोनी माता के नाम से भी जाना जाता है. त्रिभोनी माता को किसान पशुओं की देवी के रूप में पूजते हैं.मान्यता है कि माता त्रिभोनी महाकाली का रूप हैं. कृषक समाज अपने पशुओं के स्वास्थ्य व उनसे प्राप्त दूध-घी के उत्पादन की बढ़ोतरी व सुख समृद्धि की कामना मंदिर में आकर करते हैं. गाय और भैंस से प्राप्त होने वाले प्रथम दस दिन के दूध से निकलने वाले घी को लोग मंदिर में अर्पित करते हैं.

डिजाइन फोटो

नाहन: प्रकृति की गोद में बसी पशुओं की देवी त्रिभुनेश्वरी माता को हजारों वर्षों से पशुओं के लिए रक्षा कवच के तौर पर पर माना जाता है. माता के दरबार में हर वर्ष आषाढ़ मास के प्रत्येक रविवार को मेले का आयोजन होता है.

सिरमौर जिला के नाहन विकास खंड के तहत ग्राम पंचायत कौलांवालाभूड में त्रिभुनेश्वरी माता का मंदिर स्थित है. त्रिभुनेश्वरी माता को त्रिभोनी माता के नाम से भी जाना जाता है. त्रिभोनी माता को किसान पशुओं की देवी के रूप में पूजते हैं.

त्रिभुनेश्वरी मंदिर
मान्यता है कि माता त्रिभोनी महाकाली का रूप हैं. कृषक समाज अपने पशुओं के स्वास्थ्य व उनसे प्राप्त दूध-घी के उत्पादन की बढ़ोतरी व सुख समृद्धि की कामना मंदिर में आकर करते हैं. गाय और भैंस से प्राप्त होने वाले प्रथम दस दिन के दूध से निकलने वाले घी को लोग मंदिर में अर्पित करते हैं.

कई किलोमीटर पैदल सफर कर सच्ची श्रद्धा से लोग इस मंदिर में पहुंचते हैं. अलग-अलग हिस्सों से भारी संख्या में कृषक माता को श्रद्धा सुमन अर्पित करके अपने पशु धन की रक्षा के लिए माता के दर शीश झुकाने जाते हैं.
मंदिर कमेटी के सदस्य व पुजारी सोम दत, मनजीत मोहन भगत ने बताया कि प्रतिवर्ष तहसील नाहन, पच्छाद के साथ हरियाणा क्षेत्र के श्रद्धालु भी यहां बड़ी श्रद्धा के साथ मां के दर्शनों के लिए आते हैं, लेकिन मंदिर तक सड़क सुविधा न होने के कारण श्रद्वालुओं को करीब छह किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है.

स्थानीय लोग लंबे अरसे से प्रदेश सरकार से मंदिर के लिए सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं, जिसके लिए उन्होंने नाहन के विधायक व विस अध्यक्ष राजीव बिंदल से भी अपील की है, लेकिन अभी तक प्रदेश सरकार लोगों की मांग को अनदेखा कर रही है.

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