शिमला: हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले से जुब्बल कोटखाई के विधायक और पूर्व मंत्री नरेंद्र बरागटा का शनिवार सुबह निधन हो गया. नरेंद्र बरागटा के बेटे चेतन ने ट्वीट करके यह जानकारी दी. बरागटा कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद पोस्ट कोविड अफेक्ट से जूझ रहे थे. वो 20-25 दिनों से पीजीआई में भर्ती थे. उनकी दूसरी बीमारी डायग्नोज नहीं हो पा रही थी और उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी.
नरेंद्र बरागटा हिमाचल सरकार में मुख्य सचेतक भी थे. इसलिए मुख्य सचेतक के निधन के चलते होटल पीटरहॉफ में शनिवार को प्रस्तावित हिमाचल मंत्रिमंडल की बैठक को स्थगित कर दिया गया है. सचिव सामान्य प्रशासन देवेश कुमार ने इसकी पुष्टि की है. नरेंद्र बरागटा के निधन के बाद भाजपा ने भी अपने सारे कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं. महामंत्री त्रिलोक जम्वाल की ओर से बताया गया है कि पार्टी के सारे कार्यक्रम आगामी आदेशों तक स्थगित रहेंगे.
वहीं, नरेन्द्र बरागटा का पार्थिव शरीर चंडीगढ़ से पूरे राजकीय सम्मान के साथ शिमला लाया जा चुका है और अभी शिमला पार्टी कार्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है. पार्टी कार्यालय में सीएम समेत बीजेपी के कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. वहीं, उनके अंतिम दर्शन के बाद उनके पार्थिव शरीर को पैतृक घर कोटखाई लाया जाएगा. जहां अंतिम दर्शनों के बाद उनका दाह संस्कार किया जाएगा. बता दें कि सीएम जयराम समेत बीजेपी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने दुख व्यक्त किया है.
दो बार मंत्री रह चुके थे बरागटा
नरेंद्र बरागटा का जन्म 15 सितंबर 1952 को घर गांव टहटोली तहसील कोटखाई जिला शिमला में हुआ था. उनके दो पुत्र चेतन ब्रागटा व ध्रुव बरागटा हैं. बरागटा 1969 में डीएवी स्कूल शिमला में छात्र संसद के महासचिव बने. 1971 में एसडीबी कॉलेज शिमला के केंद्रीय छात्र संघ के उपाध्यक्ष चुने गए. 1978 से लेकर 1982 तक वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहे.