हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

By

Published : Mar 16, 2021, 4:43 PM IST

ETV Bharat / state

जल रक्षकों का प्रदर्शन जारी, मांगें न मानने पर सचिवालय के घेराव की चेतावनी

प्रदेश सरकार से नाराज चल रहे जल रक्षकों ने अपना काम छोड़ दिया है. पानी की स्कीम छोड़कर जल रक्षक धरने पर बैठ गए हैं. जल रक्षकों ने चेतावनी दी है कि यदि 20 मार्च तक उनकी मांग नहीं मानीं, तो प्रदेशभर के जल रक्षक सचिवालय का घेराव करेंगे.

Demonstration of water guards in Shimla
शिमला में जल रक्षकों का प्रदर्शन

शिमलाःप्रदेश सरकार से नाराज चल रहे जल रक्षकों ने अपना काम छोड़ दिया है. पानी की स्कीम पर काम छोड़कर जल रक्षक धरने पर बैठ गए हैं. शिमला में डीसी ऑफिस के बाहर मंगलवार को दूसरे दिन भी धरना प्रदर्शन जारी रहा. पंचायतीराज विभाग से हटाकर जल शक्ति विभाग में समायोजित करने की मांग को लेकर जल रक्षकों ने चेतावनी दी है कि यदि 20 मार्च तक उनकी मांग नहीं मानीं, तो प्रदेशभर के जल रक्षक सचिवालय का घेराव करेंगे.

पढ़ें:वैक्सीन लगने के बाद महिला डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव, जांच के लिए मुंबई भेजा गया सैंपल

20 मार्च तक जारी रहेगा धरना-प्रदर्शन

जल रक्षक टेक चंद ने कहा कि उन्हें पंचायतीराज विभाग से हटाकर जल शक्ति विभाग में समायोजित किया जाए और जिनका कार्यकाल आठ साल से अधिक हो चुका है, उन्हें अनुबंध आधार पर लिया जाए. उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांगें नहीं मानीं, तो कोई भी जल रक्षक प्रदेश में काम नहीं करेगा.

वीडियो.

जल शक्ति विभाग में समायोजित करने की मांग

वर्तमान में जल रक्षकों की सेवाएं पंचायतीराज विभाग के अधीन हैं. इस वजह से उनका 60 प्रतिशत मानदेय पंचायतीराज और 40 प्रतिशत जल शक्ति विभाग देता है. इससे मानदेय मिलने में कई बार छह से आठ महीने का वक्त बीत जाता है. उन्होंने कहा कि सरकार से कई बार इस मांग को उठाया जा चुका है, लेकिन उन्हें हर बार आश्वासनों के लॉलीपाप थमा दिए जाते हैं. उन्होंने बताया कि ड्यूटी की रिपोर्टिंग पंचायत प्रधान को करनी पड़ती है, जबकि काम जल शक्ति विभाग का कर रहे है. इसलिए उन्होंने सरकार से सभी जल रक्षकों को जल शक्ति विभाग में समायोजित करने का आग्रह किया है.

ये भी पढ़ेंःबारिश नहीं होने से हमीरपुर में सूखे की स्थिति, सरकार से किसानों की सहायता करने की मांग

ABOUT THE AUTHOR

...view details