शिमला: हिमाचल प्रदेश पेंशनर्स एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पेंशनर्स संघ (Pensioners Union) का कहना है कि सरकार ने अपना वादा तोड़ा है. उनका कहना है कि जयराम सरकार (Jairam Government) ने 2018 में यह वादा किया था कि प्रदेश में स्टेशन की जेसीसी गठित की जाएंगी, लेकिन 3 साल बाद भी सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी है.
पेंशनर्स एसोसिएशन (Himachal Pradesh Pensioners Association) ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को नहीं माना गया तो सभी पेंशनर्स सड़कों पर उतरकर सरकार का विरोध करेंगे. इस संबंध में प्रदेश पेंशनर्स एसोसिएशन के महासचिव हरी चंद गुप्ता ने बताया कि सरकार ने 17 दिसंबर 2018 को सुंदरनगर में महासम्मेलन के दौरान जयराम सरकार ने यह घोषणा की थी की जल्द ही पेंशनर्स एसोसिएशन की जेसीसी का गठन किया जाएगा.
जिसमें उनकी मांग 5, 10, 15 को मूल वेतन में शामिल किया जाएगा. वहीं, पेंशनर्स संघ के शिमला महासचिव सुभाष वर्मा ने कहा है कि सरकार ने कर्मचारी महासंघ को तो मान्यता दे दी है लेकिन पेंशनर्स की मांग जस की तस पड़ी हुई है. उन्होंने कहा कि जब पंजाब ने मांग मान ली है तो हिमाचल सरकार को भी 5, 10, 15 यानी 65 साल पर 5 फीसदी, 70 साल पर 10 फीसदी और 75 साल में 15 फीसदी भत्ता दिया जाना चाहिए.
उनका कहना था कि यदि सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो उन्हें आंदोलन करना पड़ेगा. वहीं, जिला शिमला के उपाध्यक्ष जीवन ठाकुर ने कहा कि पेंशनर्स एसोसिएशन को यह उम्मीद थी कि सरकार उनकी बात मानेंगी, लेकिन 3 साल होने के बाद भी सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी है. जिसके कारण पेंशनर्स को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने मांग की है सरकार जल्द से जल्द उनकी बातों को माने अन्यथा उन्हें आंदोलन की राह पर चलना पड़ेगा.
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