शिमलाः माकपा ने सेब व अन्य फलों के सीजन के लिए तैयारियों की कमी को लेकर चिंता व्यक्त की है. माकपा ने सेब व अन्य फलों के सीजन के लिए समय रहते उचित कदम उठाने की मांग की है, ताकि आने वाले दिनों में बागवानों को मजदूरों, पैकेजिंग सामग्री, मालवाहक वाहनों की कमी से न जूझना पड़े.
माकपा के राज्य सचिवमंडल सदस्य संजय चौहान ने कहा कि जिस प्रकार से देखा जा रहा है कि सेब व अन्य फलों का सीजन शुरू हो गया है और अगले 10 से 15 दिनों में निचली व मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में यह पूरा जोर पकड़ लेगा, लेकिन कोविड-19 के चलते पैदा हुई विषम परिस्थितियों के कारण प्रदेश में मजदूरों, पैकेजिंग सामग्री व अन्य साधनों की बड़े पैमाने पर कमी देखी जा रही है.
इसके साथ ही सरकार की ओर से हाल ही में पेट्रोल व डीजल की कीमतों में भारी वृद्धि से महंगाई बढ़ रही है. ट्रकों व अन्य मालवाहकों के भाड़े में भी 20 प्रतिशत तक कि वृद्धि कर दी गई है. बाजार में पैकेजिंग सामग्री भी 10 से 20 प्रतिशत तक महंगे दामों में मिल रही है. अगर प्रदेश सरकार ने समय रहते इन समस्याओं के समाधान के लिए ठोस कदम नहीं उठाए तो प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाली करीब 4500 करोड़ की सेब की आर्थिकी को भारी नुकसान पहुंचेगा.
इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा जिससे लाखों किसानों व बागवानों का रोजी रोटी का संकट और अधिक गंभीर हो जाएगा. उन्होंने कहा कि इस साल हिमाचल का किसान व बागवान मजदूरों की कमी को लेकर चिंता में है और अगर समय रहते मजदूरों का प्रबंध नहीं किया गया तो बागवान अपना उत्पाद बगीचों से मंडियां तक नहीं पहुंचा पाएंगे और इससे आर्थिक रूप से भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.