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CM के दिल्ली से वापस आने के बाद ही सुलझेगा सीमेंट विवाद, मुख्यमंत्री के समक्ष रखी जाएगी रिपोर्ट

हिमाचल प्रदेश में सीमेंट विवाद का अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया है. 15 दिसंबर से लेकर प्रदेश के दोनों सीमेंट प्लांट बंद पड़े हुए हैं. सरकार का कहना है कि वह इस मामले पर गंभीर है और पूरी कोशिश की जा रही है कि ये मामला सुलझ जाए. वहीं, अभी सीएम सुक्खू दिल्ली दौरे पर हैं. जैसे ही वह वापस शिमला आएंगे तो उनके सामने रिपोर्ट पेश की जाएगी. और इस विवाद का कोई न कोई हल निकाला जाएगा. (cement plant in Himachal Pradesh) (Cement dispute in Himachal) (Cement Controversy in Himachal) (cement issue in himachal)

CM Sukhwinder Sing Sukhu
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू

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Published : Jan 24, 2023, 4:07 PM IST

शिमला:सीमेंट प्लांट्स के विवाद को लेकर अब सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के शिमला आने के बाद ही सरकार कोई फैसला लेगी. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के शिमला आने के बाद सीएम के सामने इस पूरे मामले की रिपोर्ट रखी जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर दोनों पक्षों में इस मामले पर कोई सहमति नहीं बनती है तो सरकार इसमें कानून के अनुसार कार्रवाई करेगी.

'मामले को सुलझाने के लिए सरकार गंभीर':उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सरकार इस मामले को सुलझाने को लेकर गंभीर है. यही वजह है कि उन्होंने खुद इस मामले में बिलासपुर के स्थानीय विधायक त्रिलोक जमवाल से बात की है और उनसे आग्रह किया है कि वह ट्रक ऑपरेटर के साथ बातचीत करें, ताकि इस समस्या का कोई हल निकले. उन्होंने कहा कि यह कोई राजनीति का मसला नहीं है, सरकार सभी को साथ लेकर इसका समाधान करना चाह रही है.

सरकार को हर रोज दो करोड़ का नुकसान: सीमेंट प्लांट्स बंद होने से राज्य सरकार को भी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ रहा है. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि हिमाचल में सीमेंट प्लांट बंद होने से राज्य सरकार को भी भारी वित्तीय नुकसान हुआ है, इसमें रॉयल्टी, टैक्स, बिजली से होने वाला राजस्व शामिल है. इसके अलावा ट्रक संचालक एक महीने से भी अधिक समय से बिना काम के हैं. उन्होंने कहा कि जो लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कंपनी से जुड़े हुए हैं, वह अपनी आजीविका के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उद्योग मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य ट्रक ऑपरेटर्स यूनियन और सीमेंट कंपनी प्रबंधन के बीच सहमति बनाना है, ताकि सीमेंट संयंत्र अपना संचालन फिर से सुचारू रूप से शुरू कर सकें. उन्होंने कहा कि बीते दिनों हुई बैठक में सरकार ने कंपनी प्रबंधन और उसके मालिकों से अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है. सरकार का यह प्रयास है कि दोनों ही पक्ष अपसी सहमति से कार्य करें.

अडानी ने 15 दिसंबर से बंद कर रखे हैं सीमेंट प्लांट:सीमेंट मालभाड़े के विवाद को लेकर अडानी ग्रुप ने बरमाणा और अंबुजा के अपने दोनों प्लांट 15 दिसंबर से बंद कर रखे हैं. अडानी ग्रुप ने 14 दिसंबर को अपने कर्मचारियों को एक सर्कुलर जारी कर अगले दिन से काम पर न आने के आदेश जारी किए. लिखित आदेशों में कहा गया कि दोनों प्लांट घाटे में चल रहे हैं. ऐसे में आगामी आदेशों तक इन प्लाटों को बंद रखा जा रहा है. अडानी के इस एक तरफा फैसले से हजारों ट्रक ऑपरेटरों की कमाई का जरिया खत्म हो गया है. वहीं, अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार पाने वाले हजारों लोगों का काम धंधा भी चौपट हो गया है. हालांकि इस विवाद का हल निकालने को लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है, मगर अभी तक इसका कोई समाधान नहीं निकाल पाया है.

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