शिमला: विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन माननीयों पर यात्रा भत्ते रूपी सौगात की जो बौछार हुई, वो अब जनता सहित सत्ता के गलियारों में तीखी चर्चा का सबब बनी है. दो बार हिमाचल के सीएम रहे और भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार धूमल ने भत्ते बढ़ाने पर सरकार को जो नसीहत दी है, उसका असर राज्य के मुखिया पर दिख रहा है.
शिक्षक दिवस के दिन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के मन की टीस उनके बयान में महसूस की गई. मुख्यमंत्री ने कहा-सब हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं आजकल, मैं उनका सबका अभिनंदन करता हूं. एक दिन पहले ही यानी चार सितंबर को प्रेम कुमार धूमल ने हमीरपुर में कहा कि विधायक अपने वेतन-भत्तों आदि को खुद ही तय करेंगे तो जनता के बीच स्वभाविक रूप से ही आलोचना का पात्र बनेंगे. उसके बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का ये बयान आया है कि सभी उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं.
यही नहीं, सीएम जयराम ठाकुर ने ये भी कहा कि भत्ते बढ़ाने का फैसला हमने ही नहीं किया है. इससे पूर्व वीरभद्र सिंह व प्रेम कुमार धूमल की सरकार के समय भी वेतन बढ़े हैं. मुख्यमंत्री यहीं पर नहीं रुके, उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने तो कुछ भी नहीं बढ़ाया. यात्रा भत्ता भी तब मिलेगा, जब विधायक आदि कहीं जाएंगे. यात्रा के बाद वे बिल देंगे और फिर उनके खाते में पैसे आएंगे. यदि विधायक यात्रा पर नहीं जाएंगे तो कुछ भी नहीं मिलेगा.
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इस तरह मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने एक तीर से कई जगह निशाने साध दिए. उन्होंने पूर्व की सरकारों के दौर में वेतन-भत्ते बढ़ाने का जिक्र करने के साथ ही ये भी जोड़ दिया कि विधायकों की सर्वसम्मति से ही फैसला हुआ है और यदि एमएलए को लगता है कि ये आवश्यक नहीं है, वे सरकार को लिख कर दे दें, इस पर विचार किया जाएगा.
हिमाचल में जल्द ही दो सीटों पर उपचुनाव होने वाला है. फिर राज्य भाजपा का नया मुखिया भी इसी साल तय होना है. जिस समय हिमाचल में पार्टी का नया मुखिया बनेगा, उसी महीने जयराम सरकार का दो साल का कार्यकाल भी पूरा होगा. ऐसे में मुख्यमंत्री के सामने एकसाथ सरकार व संगठन में चुनौती होगी.
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दो उपचुनाव जीतने के साथ ही पार्टी के मुखिया पद का समीकरण भी उन्हें अपने पक्ष में रखना है. ऐसे समय में प्रेम कुमार धूमल की अपनी ही सरकार को नसीहत और फिर मुख्यमंत्री का परोक्ष रूप से बयान देना, बहुत कुछ कहता है. प्रेम कुमार धूमल की नसीहत का एक हिस्सा ये भी था कि जब प्रदेश आर्थिक संकट से जूझ रहा यात्रा भत्ता बढ़ाने से परहेज करना चाहिए था. इन परिस्थितियों में प्रचंड बहुमत वाली भाजपा सरकार का माननीयों के यात्रा भत्ते पर घिरना, सीएम जयराम ठाकुर के लिए नई चुनौती है.
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