कुल्लू: लाहौल-स्पीति का कोमिक गांव एशिया के सबसे ऊंचे गांव में शुमार है. बता दें कि इससे पहले किब्बर गांव सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित था. समुद्र तल से 4850 मीटर की ऊंचाई पर बसा किब्बर गांव स्पीति घाटी में है. लाहौल-स्पीति में काजा मुख्यालय के किब्बर से अधिक ऊंचे 5 और गांवों को सड़क मार्गों से जोड़ने के बाद लोक निर्माण विभाग ने कोमिक को एशिया के सबसे ऊंचे गांव का दर्जा दिया. लाहौल-स्पीति के दुर्गम गांव तक सड़क निर्माण के मानकों पर हिमाचल ने बर्फीले रेगिस्तान में यह उपलब्धि दर्ज की है. किब्बर तक सड़क मार्ग पहुंचाने के बाद एशिया में सबसे ऊंचे गांव का रिकॉर्ड हालांकि पहले ही हिमाचल के नाम दर्ज था.
कोमिक गांव का आकार एक बड़े कटोरे जैसा है. गांव दो भागों में बंटा नजर आता है. एक भाग में आपको बिल्कुल छोटे आसपास सटे हुए घर देखने को मिलेंगे और दूसरे भाग में थोड़े बड़े घर. गांव के मुख्य द्वार पर गोंपा मोनेस्ट्री है जिसके बारे में लोगों का कहना है कि ये करीब 500 साल पुरानी है. दिन में दो बार मोनेस्ट्री में प्रार्थना सभा होती है और इस दौरान औरतों को अंदर जाने की इजाजत नहीं होती. बहुत ही कलरफुल इस मोनेस्ट्री के अंदर लामा (मोनेस्ट्री के मॉन्क) रहते हैं. यह गांव काफी ऊंचाई पर स्थित होने की वजह से गांव तक पहुंचने में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है.