कुल्लूःहिमाचल प्रदेश में इन दिनों जहां दोपहर के समय मौसम सुहाना हुआ है तो वहीं धूप खिलने के बाद भी लाहौल घाटी में हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं. लाहौल घाटी में सुबह व शाम के समय तापमान माइनस में जाने के चलते लोगों की भी मुश्किलें बढ़ी हैं.
जमाव बिंदु से नीचे जा रहा तापमान
जिला लाहौल स्पीति के तापमान की अगर बात करें तो धूप के ढलते ही यहां पारा जमाव बिंदु से नीचे चला जा रहा है. माईनस तापमान के कारण पानी की भी खासी दिक्कतें घाटी के लोगों को उठानी पड़ रही है.
हालांकि, दोपहर के समय धूप खिलने से लोगों को थोड़ी राहत तो मिली है लेकिन सुबह व शाम कड़ाके की ठंड के चलते लोग अपने घरों में ही दुबकने को मजबूर हो गए हैं. घाटी के प्राकृतिक पेयजल स्त्रोत के जमने के चलते भी लोगों को पेयजल की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
पेयजल सप्लाई की पाइप पूरी तरह से जमीं
यहां तापमान माइनस 15 डिग्री तक जा रहा है. जिसके चलते पेयजल स्त्रोतों से जाने वाली सप्लाई की पाइप में भी पूरी तरह से जम गई है. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि माइनस तापमान के चलते वे दूसरी जगह भी नहीं जा पा रहे हैं.
दोपहर के समय बर्फ पिघलने के कारण सारा पानी सड़कों में जमा हो जाता है और माइनस तापमान के चलते पूरी सड़क बर्फ से शीशे की तरह जम जाती है. उस सड़क पर वाहन चलाना भी खतरे से खाली नहीं है. ऐसे में घाटी में माइनस तापमान ने लोगों की मुश्किलें और बढ़ाई है.
सिस्सू झील और चंद्रा नदी भी जमीं
गौर रहे कि लाहौल घाटी में माइनस तापमान चलते सिस्सू झील पूरी तरह से जम चुकी है तो वहीं, चंद्रा नदी का पानी भी पूरी तरह से जमा हुआ है. माइनस तापमान के चलते घाटी के लोगों की मुश्किलें भी कम नहीं हुई हैं.
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