कुल्लू:देश भर में महाशिवरात्रि को लेकर जहां शिवालयों में तैयारियां चल रही हैं. वहीं ,हिमाचल प्रदेश के विभिन्न शिवालयों में भी महाशिवरात्रि पर्व पर भव्य आयोजन होंगे. जिला कुल्लू की खराहल घाटी के शीर्ष पर स्थित भगवान बिजली महादेव के दर्शन फरवरी माह में मात्र 1 दिन के लिए होंगे. महाशिवरात्रि का त्योहार इस बार 18 फरवरी को धूमधाम से मनाया जाएगा.
महाशिवरात्रि पर खुलेगा महादेव का कपाट: महाशिवरात्रि को 1 दिन के लिए भगवान बिजली महादेव का कपाट खुलेगा और उसके बाद फिर से कपाट बंद हो जाएगा. भगवान बिजली महादेव के कपाट वैशाख माह को भक्तों के लिए खुल जाएंगे. भगवान बिजली महादेव इन दिनों स्वर्गवास पर हैं, जिसके चलते पौष माह से लेकर वैशाख माह तक मंदिर पूरी तरह से बंद रहता है. ऐसे में महाशिवरात्रि पर्व के लिए ही बिजली महादेव मंदिर के कपाट खुलेंगे. इस दौरान बड़ी संख्या में शिव भक्त बिजली महादेव के दर्शन करेंगे. बिजली महादेव के कारदार विजेंद्र जंबाल ने बताया क महाशिवरात्रि पर 1 दिन मंदिर के कपाट खोले जाएंगे.
पिंडी पर गिरती बिजली:कुल्लू से करीब 20 किलोमीटर दूर समुंद्र तल से 7874 फीट की ऊंचाई पर मथान स्थित बिजली महादेव मंदिर के अंदर पिंडी पर हर 12 साल के अंतराल पर बिजली गिरती है, जिसके बाद पिंडी पर लगाया मक्खन का लेप खंडित हो जाता है. हैरानी की बात यह है कि हर 12 साल में गिरने वाली बिजली का कोई समय निर्धारित नहीं होता. यह कभी भी किसी भी समय पिंडी पर गिरती है, जिसके बाद स्वयं भोलेनाथ मंदिर के पुजारी को स्वप्न देकर पिंडी के ऊपर लगे मक्खन के लेप के खंडित होने की बात बताते हैं.
शिवलिंग हो जाता ठोस रूप में परिवर्तित:पूरी कुल्लू घाटी में ऐसी मान्यता है कि यह घाटी एक विशालकाय सांप का रूप है. इस सांप का वध भगवान शिव ने किया था. जिस स्थान पर मंदिर है वहां शिवलिंग पर हर 12 साल में भयंकर आकाशीय बिजली गिरती है. बिजली गिरने से मंदिर का शिवलिंग खंडित हो जाता है. यहां के पुजारी खंडित शिवलिंग के टुकड़े एकत्रित कर मक्खन के साथ इसे जोड़ देते हैं. कुछ ही माह बाद शिवलिंग एक ठोस रूप में परिवर्तित हो जाते हैं.