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Jairam Thakur On Sukhu Government: आनी पहुंचे नेता प्रतिपक्ष जयराम, बोले- प्रभावितों को वैसी राहत नहीं मिल रही, जिसका सरकार दावा कर रही

हिमाचल आपदा को लेकर प्रदेश में सियासत खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. पिछले दिनों कुल्लू के आनी में एक साथ 8 इमारत गिर गई थी. जिसको लेकर आज पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने सुक्खू सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा आपदा प्रभावितों को वैसी राहत नहीं मिल रही है, जैसा सुक्खू सरकार दावा कर रही है. (Jairam Thakur On Sukhu Government) (kullu landslide) (Himachal Disaster).

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 26, 2023, 8:02 PM IST

कुल्लू:नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आज आनी के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और प्रभावितों से मुलाकात की. नेता प्रतिपक्ष ने कहा आनी में एक साथ कई इमारतें गिरने से बड़ा नुकसान हुआ है, लोग अपने जीवन भर की कमाई लगाकर घर बनाते हैं. राहत की बात यह है कि इस हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है.

जयराम ठाकुर ने कहा लोगों ने वक्त रहते खतरे के जद में आने वाली इमारतों को खाली कर दिया था. इस तरह की प्रक्रिया पहले भी अपनाई जानी चाहिए थी. जहां भी किसी प्रकार का खतरा था, उसका निपटारा बारिश के पहले करना चाहिए था. सरकार इस तरह की तैयारियां पहले करती तो बहुत सी जानें बचाई जा सकती थी. नेता प्रतिपक्ष ने कहा पहली बार प्रदेश में राशन की कमी हुई. सड़कें बंद होने से लोगों तक राशन नहीं पहुंच पाया.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा सरकार को प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है. लोगों को आपदा में वह राहत नहीं मिल रही, जिसका सरकार दावा कर रही है. 50 किलोमीटर के दायरे में सरकार ने एक मशीन लगाई है. जबकि सड़कें जगह-जगह से टूटी हुई हैं. इस तरह से काम करने से चीजें सही नहीं हो पाएगी. इसके लिए युद्ध स्तर पर काम करना पड़ेगा. सरकार और मशीनें लगानी चाहिए. प्रदेश में मशीनों की कोई कमी नहीं हैं.

नेता प्रतिपक्ष जयराम ने आनी प्रभावित क्षेत्र का किया दौरा

उन्होंने कहा हेलीकॉप्टर से राशन पहुंचाने के लिए हमने गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, सड़क परिवहन मंत्री और मुख्यमंत्री सुक्खू से बात की है. सरकार राहत कार्य में तेजी लाए. इस बार की बारिश में लोगों को बहुत नुकसान हुआ है. फसलें बर्बाद हो गई, खेत बह गए. बाग के पेड़ उखड़ गये. जो कुछ बच गया था, वह भी बर्बाद हो रहा है. सड़के बंद होने की वजह से ज्यादातर लोग अपनी बची हुई फसल भी बाजार तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं. ऐसे में लोगों को मजबूरन उन्हें नदी नालों में फेंकना पड़ रहा है.

उन्होंने कहा ग्रामीण इलाकों की अर्थव्यवस्था का आधार ही कृषि है. लोग फसलों को उगाने में बहुत मेहनत करते हैं और लागत लगाते हैं. लोगों की लागत तक बर्बाद हो गई है. आपदा से लोगों को दोहरी मार पड़ी हैं. उन्होंने सरकार से निवेदन किया कि इस दिशा में भी सोचे और लोगों को राहत प्रदान करने का काम करें. हम सरकार के साथ हैं.

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