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Kullu Forlane Landslide: जिया-रामशिला NH पर मात्र 2 KM एरिया में 15 भूस्खलन संभावित क्षेत्र चिन्हित

कुल्लू जिले में जिया रामशिला फोरलेन सड़क मार्ग यातायात के लिए खुल गया है. लेकिन इस बीच रामशिला से देवधार के बीच आए दिन भूस्खलन हो रहा है. आईआईटी रोपड़ के विशेषज्ञों की टीम ने मात्र 2 किलोमीटर सड़क पर 15 भूस्खलन संभावित क्षेत्र के चिन्हित

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Published : May 2, 2023, 6:38 PM IST

In 2 km area15 landslide prone areas on Jia Ramshila NH in Kullu.
जिया-रामशिला NH पर मात्र 2km एरिया में 15 भूस्खलन संभावित क्षेत्र चिन्हित.

कुल्लू: जिला कुल्लू के जिया रामशिला फोरलेन सड़क मार्ग बन कर पूरी तरह से तैयार हो गया है और यहां से वाहनों की आवाजाही भी शुरू हो गई है. लेकिन जिला कुल्लू मुख्यालय के साथ लगते रामशिला से देवधार के बीच भूस्खलन रुकने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में बीते दिनों आईआईटी रोपड़ के विशेषज्ञों की टीम ने वहां का दौरा किया था और मात्र 2 किलोमीटर सड़क पर 15 भूस्खलन संभावित क्षेत्र के चिन्हित किए गए हैं. ऐसे में इस भूस्खलन को रोकने के लिए एनएचएआई की ओर से प्लान भी तैयार किया गया है.

'2 किमी में 15 भूस्खलन संभावित क्षेत्र चिन्हित': अब इस प्लान को पूरा करने के लिए सरकार की मंजूरी की जरूरत है. जिसके लिए एनएचएआई ने फाइल मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेज दी है. मंजूरी मिलने के बाद भूस्खलन को रोकने की दिशा में काम शुरू किया जाएगा. आईआईटी रोपड़ की टीम बीते दिनों भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करने के लिए आई थी. ऐसे में टीम ने यहां भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से भूमि के सैंपल लिए थे. भूमि की जांच करने के बाद टीम ने एक रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपी है. जिसमें देवधार से लेकर रामशिला तथा 15 भूस्खलन संभावित क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं.

भूस्खलन रोकने के लिए लगाई कंकरीट वॉल भी हुई क्षतिग्रस्त.

'भूस्खलन रोकने के लिए लगाई कंकरीट वॉल भी धवस्त': यहां पर पहले भी कई बार भूस्खलन हुआ है. जिससे आधा दर्जन मकानों को भी नुकसान पहुंचा था और कई बीघा भूमि भी भूस्खलन की जद में आ गई थी. हालांकि एनएचएआई प्रबंधन के द्वारा यहां पर भूस्खलन को रोकने के लिए कंकरीट वॉल लगाई गई थी. लेकिन भूस्खलन के कारण कंकरीट वॉल भी क्षतिग्रस्त हो गई. फोरलेन से देवधार में आधा दर्जन परिवारों के मकानों में दरारें भी आई थीं. ऐसे में समय रहते ही अगर भूस्खलन को रोकने के प्रयास नहीं किए गए तो आने वाले बरसात के मौसम में नुकसान अधिक हो सकता है.

'भूस्खलन की जद में आए आधा दर्जन मकान': चौकी डोभी पंचायत के प्रधान सुमन पराग गौड़ का कहना है कि बारिश के दौरान लोग घरों में सहम जाते हैं. क्योंकि भूस्खलन के कारण कई मकानों में दरारें पहले भी आ चुकी हैं. प्रशासन को स्थिति के बारे में अवगत करवाया गया है. जल्द ही भूस्खलन रोकने के बारे में सरकार को कार्य करना चाहिए. एसडीएम कुल्लू विकास शुक्ला का कहना है देवधार से जिया तक 15 भूस्खलन संभावित क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं और उसके बाद एनएचएआई ने भारत सरकार से इस काम को शुरू करने के लिए मंजूरी मांगी है. उसके बाद इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा.

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