धर्मशाला: जिला कांगड़ा के ऐतिहासिक शिव मंदिर बैजनाथ में इस बार घृतमंडल पर्व पर नाग देव के साथ भोले नाथ विराजमान हुए. साढ़े तीन क्विंटल माखन और घी से बने पेड़ों से तैयार लगभग 5 फीट ऊंचे घृतक को कई सालों बाद एक अलग रूप दिया गया.
बता दें कि मकर संक्रांति के पर्व पर मंगलवार दोपहर के समय पावन पिंडी का जलाभिषेक और आरती करने के बाद घृत को बनाने का काम शुरू किया गया था. इस विशालकाय घृत मंडल के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए कांगड़ा बज्रेश्वरी मंदिर से आए पुजारियों ने घृत बनाने में बैजनाथ मंदिर के पुजारियों का सहयोग किया. उन्होंने बताया कि घृतक को अगले सात दिनों तक पावन पिंड पर रखा जाएगा. वहीं 21 जनवरी के दिन इसे शिवलिंग से उतारकर प्रसाद के रूप में बांटा जाएगा.