चंबाः चुराह विधानसभा क्षेत्र के विकास को लेकर नेता चाहे जो भी दावे करें, लेकिन आज भी यहां के कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां के बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए जान हथेली पर लेकर नालों को पार करना पड़ता है. बरसात के मौसम में नदी-नाले उफान पर होते हैं या फिर अचानक उनमें जलस्तर बढ़ने का खतरा बना रहता है. इसी स्थिति के बीच टेपा के 3 गांवों के बच्चों को 5वीं से आगे की शिक्षा ग्रहण करने के लिए हर दिन 2 बार टेपा नाला पार करना पड़ता है, ऐसे में बरसात के इस मौसम में इन बच्चों की जान कभी भी आफत में पड़ सकती है.
टेपा नाले पर पैदल पुल की सुविधा इन बच्चों को आज तक मुहैया नहीं करवाई गई है, जिस वजह से इन्हें खुद को शिक्षा की मुख्यधारा के साथ जोड़े रखने के लिए राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय देवीकोठी जाना पड़ता है.
दिन में 2 बार पार करना पड़ता है नाला
जानकारी के अनुसार चुराह विधानसभा की सबसे दूरस्थ पंचायत टेपा के गांव चंडरू, पिशोगा व डेरा की आबादी करीब 600 है. यहां के लोगों को अपने कार्यों के चलते देवीकोठी या फिर उपमंडल मुख्यालय का रुख करने के लिए टेपा नाला से होकर गुजरना पड़ता है.
इन्हीं गांवों के करीब 15 बच्चों को भी 5वीं से आगे की शिक्षा प्राप्त करने के लिए यह नाला दिन में 2 बार पार करना पड़ता है. बरसात के मौसम में इस नाले का जलस्तर अक्सर बढ़ जाता है. जिस वजह से कई बार तो ये उपरोक्त गांव पूरी तरह से शेष दुनिया से अलग-थलग पड़ जाते हैं.