शिमलाः हिमाचल में पहने जाने वाली टोपियां देशभर में अपनी पहचान रखती हैं. पहाड़ी राज्य हिमाचल के लोग आज देश भर में पहाड़ी टोपी से पहचाने जाते हैं. हिमाचल में अलग-अलग रंगों की टोपियां प्रचलन में हैं.
अंतरराष्ट्रीय लवी मेले में पहाड़ी टोपियां आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं. मेले में पहुंचने वाले बाहरी राज्यों के लोग पहाड़ी टोपियां खरीदने में खास रूचि दिखा रहे हैं. हिमाचल में इन टोपियों का अपना ही महत्व है. ठंड से बचने के लिए इन टोपियों का इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही हिमाचल की परंपरा भी इससे झलकती है.
पहाड़ी टोपियां पश्मीना या ऊनी पट्टी और रंगीन और लाल मखमल से तैयार की जाती है. समय के साथ-साथ टोपियों में राजनीतिक रंग भी चढ़ा. हरी पट्टी वाली टोपी को कांग्रेस और मैरून कलर की टोपी को भाजपा नेता इस्तेमाल में लाने लगे. हालांकि जयराम सरकार आते ही मुख्यमंत्री ने ऐलान किया है कि टोपियों की राजनीति को खत्म किया जाएगा. मौजूदा समय में सीएम जयराम दोनों रंगों की टोपी इस्तेमाल में लाते हैं.
पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी पहाड़ी टोपी के मुरीद हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हिमाचल आने पर टोपी पहनते नजर आते हैं. यहां तक कि प्रधानमंत्री मोदी जब इजराइल दौरे पर थे तब भी वो हिमाचली टोपी में नजर आए थे.
कुछ महीनों पहले कुल्लू के भुट्टिको के कारीगर और प्रबंधकों ने राष्ट्रपति भवन जाकर रामनाथ कोविंद को कुल्लवी टोपी भेंट की थी. जिसके बाद भुट्टिको के कारीगर नूप राम ने राष्ट्रपति के निजी दर्जी की मशीन में ही करीब 3 घंटे के अंदर महामहिम के नाप की टोपी तैयार कर राष्ट्रपति को भेंट की. राष्ट्रपति को यह टोपी इतनी पसंद आई कि उन्होंने तीन टोपियों का और ऑर्डर दे दिया.
इसके साथ ही पूर्व पीएम स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को भी हिमाचली टोपी खूब भाती थी और बहुत से समारोहों में वे इसे पहना करते थे. वहीं, सदी के महानायक अमिताभ बच्चन भी हिमाचली टोपी को पसंद करते हैं. इन सब के साथ-साथ बहुत सी बड़ी हस्तियां पहाड़ी टोपियों के मुरीद हैं.