ठियोग/शिमलाः वैसे तो आपने सुना ही होगा कि ‘जाको राखे सईंया तो मार सके न कोई’ लेकिन हकीकत में ऐसा आपके सामने हो तो आप भी चौंक जाएंगे. ऐसा ही एक मामला ठियोग में शुक्रवार देखने को मिला है. जब ठियोग के केलवी ओर भराना पंचायत के मध्य स्थित पर्यटन स्थल गड़ाकुफर में शुक्रवार को एक गर्भवती महिला ने बीच जंगल के रास्ते में एक नवजात को जन्म दे दिया.
ठियोग : जंगल में महिला ने दिया बच्चे को जन्म, दोनों को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया गया
ठियोग के केलवी ओर भराना पंचायत के मध्य स्थित पर्यटन स्थल गड़ाकुफर में शुक्रवार को एक गर्भवती महिला ने बीच जंगल के रास्ते में एक नवजात को जन्म दे दिया.
प्रसव पीड़ा के बाद घर से अस्पताल की ओर निकले नेपाली मूल के लोगों ने एम्बुलेंस को फोन किया. लेकिन एम्बुलेंस के पहुंचने से पहले ही महिला के पेट में जोर का दर्द शुरू हो गया. नारकंडा से 108 जीवनदायनी एम्बुलेंस पहुंच गई, लेकिन महिला उस गाड़ी तक नहीं पहुंच पाई और रास्ते में ही उसकी हालात खराब हो गई, इस दौरान सभी घबरा गए थे, लेकिन एम्बुलेंस से आये स्वास्थ्य कर्मचारियों ने जंगल में ही महिला का सफल प्रसव करवा दिया. जिसके बाद दोनों ही मां और बच्चे को एम्बुलेंस तक उठाकर लाया गया. इस दौरान ईटीवी संवाददाता ने भी इस परिवार की पूरी सहायता की और समाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए महिला को सुरक्षित अस्पताल तक पहुंचाया.
बीच जंगल में हुई इस डिलीवरी के बाद आपसपस के लोग भी वहां पहुंचने लगे, लेकिन तब तक स्वास्थ्य कर्मचारियों के द्वारा दोनों को एम्बुलेंस से मतियाना स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. जहां उनका पूरा स्वास्थ्य जांचा गया. जिससे पता चला कि दोनों मां और शिशु स्वस्थ है. जिसके बाद इन नेपाली लोगों ने स्वास्थय विभाग और मौजूदा समय पर मदद करने वाले सभी लोगों का अभार जताया.