शिमला: डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है, लेकिन अगर वही धरती के भगवान मरीज की जान बचाने की जगह उसे मौत के मुंह में पहुंचाने का बंदोबस्त कर दे तो आप क्या कहेंगे. ऐसा ही मामला राजधानी शिमला में सामने आया है. जहां एक शख्स ने अपनी पत्नी की मौत का जिम्मेवार सीधे तौर पर डॉक्टर को ठहराया है.
शख्स का आरोप है कि आईजीएमसी में स्थित कैंसर अस्पताल के एचओडी ने उनकी पत्नी को बिना जांच किए ही कीमो देना शुरू कर दिया और बाद में मरीज को कैंसर होने से मनाकर पेन कीलर देना शुरू कर दिया जिससे उसकी मौत हो गई.
प्राप्त जानकारी के अनुसार शिमला में रहने वाले पूर्ण चंद शर्मा ने मंगलवार को एक पत्रकार वार्ता में कहा कि उनकी पत्नी को 15फरवरी 2015 में यूट्रस में समस्या के कारण केएनएच अस्पताल में चेक करवाया. जहां डॉक्टरों ने बिना जांच किए ही कहा कि मरीज को कैंसर है.
इसके बाद पूर्ण चंद अपनी पत्नी को लेकर कैंसर अस्पताल गया. जहां चिकित्सकों ने बिना टेस्ट किए कीमो देना शुरू कर दिया. कुछ दिनों के इलाज के बाद डॉक्टरों ने कहा कि मरीज अब ठीक है कैंसर नहीं है. 2017 में महिला फिर से बीमार हुई तब पूर्ण कैंसर अस्प्ताल ले गया. जहां चिकित्सकों ने उन्हें चंडीगढ़ स्थित आईबी अस्पताल में जांच करवाने का कहा.
आईबी अस्पताल में जांच में पता चला की महिला को कैंसर है वो भी लास्ट स्टेज में. लेकिन जब शिमला कैंसर अस्पताल में रिपोर्ट दिखाया तो डॉक्टरों ने कहा कि रिपोर्ट गलत है. डॉक्टरों ने कहा कि महिला को कैंसर नहीं है, इन्हें सिर्फ पेन किलर दो. इसके बाद 26 नवंबर 2018 को महिला की हालत फिर से बिगड़ने के बाद अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने फिर से महिला को पेन किलर दी. इसके बाद दूसरे दिन 27 नवंबर को महिला की मौत हो गई.
पूर्ण चंद का आरोप है कि उनकी पत्नी को कैंसर था और यह बात चिकित्सकों को भी पता थी लेकिन उन्होंने लापरवाही बरती. पूर्ण ने मांग की है कि आरोपी एचओडी पर सख्त कार्रवाई की जाए अन्यथा वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.