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निजी शिक्षण संस्थानों पर नजर रखने के लिए बनाया लाइजनिंग सेल, उच्च शिक्षा में लाई जाएगी पारदर्शिता

निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने एक लाइजनिंग सेल का गठन किया है. निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग संस्थान के चेयरमैन मेजर जनरल अतुल कौशिक ने बताया कि यह लाइजनिंग सेल अब संस्थानों के हर छोटे बड़े कार्यों पर नजर रखेगा.

private educational institutions in himachal
private educational institutions in himachal

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Published : Sep 4, 2020, 10:53 PM IST

शिमलाः प्रदेश में चल रहे निजी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की गतिविधियों का ब्यौरा लेने के लिए निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ऑनलाइन मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग में ला रहा है. ऑनलाइन मैनेजमेंट सिस्टम के तहत आयोग ने एक लाइजनिंग सेल का गठन किया है.

लाइजनिंग सेल के गठन के बाद अब आयोग को प्रदेश के 184 के करीब निजी शिक्षण संस्थानों पर आसानी से नजर रखी जा सकेगी. लाइजनिंग सेल की यह जिम्मेदारी होगी कि प्रदेश के निजी शिक्षण संस्थानों की हर एक गतिविधि एकत्र करेगा.

निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग संस्थान के चेयरमैन मेजर जनरल अतुल कौशिक ने बताया कि यह लाइजिंग सेल अब संस्थानों के हर छोटे बड़े कार्यों पर नजर रखेगा. इसके साथ ही प्राइवेट कॉलेज व यूनिवर्सिटी में प्रधानाचार्य, प्रोफेसर व रजिस्टार व अन्य बड़े पदो पर तैनात किए गए अधिकारियों की शैक्षणिक योग्यता भी अब आयोग इस सेल के जरिए जांचेगा.

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यहां तक कि आयोग ने यह भी फैसला लिया है कि निजी शिक्षण संस्थानों में भर्तियां विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमों के तहत ही होंगी. अतुल कौशिक ने बताया कि आयोग ने ऑनलाइन मैनेजमेंट सिस्टम भी तैयार किया है.

इस सिस्टम में फर्स्ट ईयर से लेकर फाइनल ईयर तक सभी छात्रों का फोटो सहित डाटा ऑनलाइन करने के साथ ही संस्थानों में छात्रों को पढ़ाने के लिए ऑनलाइन क्या व्यवस्था की गई है. यह सभी जानकारी ऑनलाइन मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर में देनी होगी.

आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि अब निजी कॉलेज व विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा को लेकर पारदर्शिता लाई जाएंगी. इसके साथ ही मनमानी करने वाले संस्थानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का भी प्रावधान होगा.

इस सिस्टम के तहत आयोग के पास ऑनलाइन मैनेजमेंट सिस्टम में यह कोर बैंक डाटा होगा. इसमें शिक्षण संस्थानों की फीस से लेकर हर जानकारी उपलब्ध होगी. खास बात यह है कि अगर कोई प्राइवेट शिक्षण संस्थान अपनी फैकल्टी चेंज करता है, तो इस पर भी आयोग को अलर्ट आ जाएगा और इस तरह से आयोग के पास संस्थानों का पूरा डाटा आ जाएगा.

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