शिमला: धर्मशाला के तपोवन स्थित हिमाचल प्रदेश विधानसभा परिसर (himachal assembly tapovan dharamshala) के गेट के बाहर खालिस्तान झंडे (khalistan flag on himachal assembly gate ) मिलने के बाद डीजीपी संजय कुंडू ने प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित (high alert declared in Himachal) कर दिया है. वहीं, इस मामले में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है. सीएम ने कहा कि इस सिलसिले में हमने केंद्र सरकार से भी बात की है.
सीएम ने कहा कि केंद्र की ओर से कई स्तर पर जानकारियां हासिल (cm jairam thakur on high alert in Himachal) की जा रही है कि आखिर इसके पीछे कौन हो सकता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में प्रदेश सरकार ने एसआईटी का गठन किया है. एसआईटी के गठन के बाद जांच की पूरी प्रक्रिया आगे बढ़ रही है.
हिमाचल में हाई अलर्ट पर सीएम जयराम का बयान. (वीडियो) जयराम ठाकुर ने कहा कि इस घटना को देखते हुए प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित किया गया है. उन्होंने कहा कि विशेष रूप से जो हिमाचल के बॉर्डर हैं, पुलिस की टीम उन क्षेत्र में विशेष निगरानी में जुटी है. ताकि इस तरह की घटनाओं दोबारा घटित न हों. उन्होंने कहा कि जांच की प्रक्रिया तेजी से सही दिशा में आगे बढ़ रही है.
हिमाचल में हाई अलर्ट: बता दें कि डीजीपी संजय कुंडू (Himachal DGP Sanjay Kundu) ने प्रदेश में स्पेशल सिक्योरिटी यूनिट, बम निरोधक दस्ता और क्विक रिएक्शन टीम को भी हाई अलर्ट पर रहने का आदेश दिया है. इस टीम को बस स्टेशनों, टाउन, सरकारी इमारतों और राष्ट्रीय इमारतों की सुरक्षा पुख्ता करने का आदेश दिया गया है. इसके साथ ही प्रदेश की सीमाएं सील करने का आदेश दिया है. पुलिस सीमा पर कड़ी निगरानी कर रही है. वहीं, होटल, सराय और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में पुलिस की पैनी नजर बनी हुई है. पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक सिख फॉर जस्टिस के मुख्य कर्ताधर्ता गुरपतवंत सिंह पन्नू मुख्य आरोपित बनाया गया है. पन्नू ने 6 जून को हिमाचल में खालिस्तान को लेकर जनमत संग्रह पर वोटिंग करवाने की घोषणा की है.
क्या है पूरा मामला: बता दें कि धर्मशाला के तपोवन स्थित हिमाचल विधानसभा भवन के बाहर खालिस्तानी झंडे लगाने का मामला सामने आया था. रविवार को सुबह जब स्थानीय लोगों को इस बारे में पता चला तो मामले की सूचना पुलिस को दी गई. मामले की सूचना पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची. मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. हालांकि विधानसभा गेट के पास कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं है. फिर भी पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है. विधानसभा की दीवारों पर भी खालिस्तान लिखा गया है. ये झंडे किसने यहां पर लगाए हैं, फिलहाल ये पता नहीं चल पाया है. फिलहाल पुलिस इस मामले में पूरी तरह से एक्शन मोड में आ गई है.
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