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शिलाई में 180 से ज्यादा लोग होम क्वारंटाइन, रोनहाट-टिम्बी में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर

वैश्विक कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रशासन ने शिलाई उपमंडल में 2 आइसोलेशन सेंटर बनाए हैं. ऐसे में अगर कोई भी व्यक्ति उपमंडल की सीमा में दाखिल होता है तो उसे एहतिहात के तौर पर 14 दिनों के लिए आइसोलेशन सेंटर में रखा जाएगा.

Two Quarantine centres in Shillai
शिलाई में आइसोलेशन सेंटर

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Published : Apr 1, 2020, 1:32 PM IST

शिलाई: सिरमौर जिला के शिलाई उपमंडल में विभिन्न देशों और बाहरी राज्यों से लौटने वाले 180 से ज्यादा लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया है. राहत की बात ये है कि प्राथमिक जांच में सभी की रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई है.

वैश्विक कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रशासन ने शिलाई उपमंडल में 2 आइसोलेशन सेंटर बनाए हैं. ऐसे में अगर कोई भी व्यक्ति उपमंडल की सीमा में दाखिल होता है तो उसे एहतिहात के तौर पर 14 दिनों के लिए आइसोलेशन सेंटर में रखा जाएगा. रोनहाट में राजकीय प्राथमिक पाठशाला और टिम्बी में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला को प्रशासन ने आइसोलेशन सेंटर बनाया है.

वीडियो रिपोर्ट.

उपमंडल में अब तक विभिन्न देशों और बाहरी राज्यों से वापस अपने घर लौटने वाले तकरीबन 180 से ज्यादा लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया है. मेडिकल टीम द्वारा ऐसे लोगों की समय-समय पर स्वास्थ्य जांच भी की जा रही है. फिलहाल शिलाई उपमंडल में कोरोना पॉजिटिव का कोई मामला सामने नहीं आया है.

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए हिमाचल में कर्फ्यू लगा है. शिलाई उपमंडल की सीमा में दाखिल होने के सभी रास्तों पर भी भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है. बेवजह लोगों को घर से बाहर आने की अनुमति नहीं है. वहीं, जरूरतमंदों को राशन, ब्रेड, मेडिकल की सुविधा मिल रही है.

एसडीएम योगेश चौहान ने बताया कि प्रदेश सरकार के जारी सभी आदेशों का सख्ती से पालन किया जा रहा है. उपमंडल की सीमाओं में दाखिल होने वाले सभी लोगों को 14 दिनों तक क्वारंटाइन करने के लिए रोनहाट और टिम्बी में क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं. दोनों जगह करीब 50 लोगों के ठहरने और भोजन की व्यवस्था की गई है. उपमंडल में 180 से ज्यादा लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया है, जिनकी मेडिकल टीम निरंतर स्वास्थ्य जांच कर रही है.

एसडीएम ने कहा कि आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं में तैनात वाहनों के अलावा अन्य सभी वाहनों की आवाजाही पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है. इसके बावजूद क्षेत्र में रोजाना दर्जनों ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं, जिसमें लोग सैकड़ों किलोमीटर का पैदल सफर तय करके जंगलों और नदियों के रास्ते अपने घर वापस पहुंच रहे हैं. ऐसे में स्थानीय लोगों को भी जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभा कर ऐसे लोगों की जानकारी प्रशासन के साथ साझा करनी चाहिए.

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