नाहन:कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) भारत द्वारा वीरवार को सिरमौर जिले से काले लहसुन को कनाडा निर्यात करने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में डीसी सिरमौर राम कुमार गौतम (DC Sirmaur Ram Kumar Gautam) ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की. इस दौरान डीसी सिरमौर ने प्रथम स्तर पर प्रशिक्षण के तौर पर निर्यात किए जा रहे काले लहसुन की पहली शिपमेंट को हरी झंडी दिखाकर कनाडा के लिए रवाना किया.
दरअसल जिला सिरमौर में उत्पादित होने वाले पार्वती किस्म के लहसुन की फर्मेंटेशन की जाती है, जिससे उसके रूप में परिवर्तन होता है. इस विधि द्वारा रूप परिवर्तित कर काले लहसुन में आम लहसुन के तुलना में 25 प्रतिशत तक औषधीय गुणों में बढ़ोतरी होती है. काले लहसुन में सफेद लहसुन की तुलना में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा दोगुनी होती है.
मीडिया से बात करते हुए डीसी सिरमौर राम कुमार गौतम ने जिले में (Black Garlic in Sirmaur) लहसुन उत्पादन करने वाले किसानों से अपील करते हुए कहा है कि वह प्राकृतिक विधि से ही लहसुन का उत्पादन करें, ताकि जिला सिरमौर का लहसुन विश्व पटल पर अन्य देशों के लहसुन का मुकाबला कर सके. उन्होंने बताया कि काला लहसुन निर्यात करने वाली बीएच वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की सहायता से जिला के किसान उत्पादक संगठन के सदस्यों को लहसुन की फर्मेंटेशन के लिए मशीनें उपलब्ध करवाई जाएंगी, जिसकी सहायता से वह जिले के अन्य किसानों से लहसुन एकत्रित कर उसे काले लहसुन के रूप में परिवर्तित कर सकेंगे.