नाहन:सिरमौरजिला मुख्यालय नाहन में गुरुवार को हिमाचली संस्कृति की शानदार झलक देखने को मिली. जिले की विभिन्न लोक कलाकारों की मंडलियों ने पहाड़ी वाद्य यंत्रों की धुन से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इन कलाकारों ने प्राचीन वाद्य यंत्रों से अपनी-अपनी कला का शानदार प्रदर्शन किया. दरअसल, भाषा एवं संस्कृति विभाग की ओर से आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में (Azadi Ka Amrit Mahotsav) जिला स्तरीय लोक नृत्य एवं लोक वाद्ययंत्र प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है. इस प्रतियोगिता का शुभारंभ सिरमौर एसपी ओमापति जमवाल ने किया.
दो दिनों तक चलने वाली इस प्रतियोगिता के पहले दिन वाद्य यंत्रों की (folk instrument competition in Nahan) प्रतियोगिता आयोजित हुई. इस दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुके हाटी सांस्कृतिक दल बाउनल के अलावा जिले के करीब 15 वाद्ययंत्र दलों ने प्राचीन वाद्य यंत्रों के साथ एक से बढ़कर एक शानदार प्रस्तुति दी. दो दिवसीय प्रतियोगिता के शुभारंभ अवसर पर एसपी सिरमौर ओमापति जमवाल ने इस आयोजन की जमकर सराहना की.
नाहन में लोक वाद्ययंत्र प्रतियोगिता मीडिया से बात करते हुए एसपी सिरमौर ने कहा कि कोरोना के चलते दो सालों के बाद यह कार्यक्रम आयोजित हो रहा है, जिसमें बहुत ही उम्दा प्रस्तुतियां कलाकारों के माध्यम से दी गई. उन्होंने सभी से आह्वान किया कि यह समय की मांग है कि हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोए रखें, ताकि आने वाली पीढ़ी भी इससे रूबरू हो सके. एसपी सिरमौर ने जिला वासियों से यह भी आह्वान किया कि अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ है. लिहाजा लोगों सहित कार्यक्रमों में भी कोविड-19 प्रोटोकॉल का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए.
वहीं, पहले दिन आयोजित हो रही वाद्य यंत्र प्रतियोगिता में पहुंचे कलाकार करीब 2 सालों के बाद आयोजित हो रहे कार्यक्रम को लेकर खासे उत्साहित नजर आए. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुके हाटी सांस्कृतिक दल बाउनल के लोक कलाकारों का कहना था कि पिछले 2 सालों से यह प्रतियोगिता आयोजित नहीं हुई थी. उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का उचित मंच मिलता है. ऐसे में समय-समय पर इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए, ताकि लुप्त हो रही हमारी संस्कृति को बचाया जा सके.
ये भी पढ़ें : कुल्लू में साहसिक गतिविधियां बंद होने से 10 हजार से ज्यादा युवा बेरोजगार, कांग्रेस ने इसे शुरू करने की उठाई मांग