कुल्लू: कहने को तो प्रदेश शिक्षा का हब है और केन्द्र सरकार द्वारा 'स्कूल चले हम' का नारा दिया जा रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है. आलम ये है कि सरकार के पास स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक नहीं हैं, जिससे इतिहास और विज्ञान पढ़ने वाले बच्चों की जिज्ञासा अधर में अटक गई है और उनके परिजनों को उनका भविष्य अंधकार में जाते हुए दिख रहा है.
बता दें कि जिला में वरिष्ठ माध्यमिक, माध्यमिक व प्राथमिक स्कूलों की संख्या 401 है और इन स्कूलों में करीब 70 हजार बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. जिला कुल्लू में 96 वरिष्ठ माध्यमिक, 39 माध्यमिक व 266 प्राथमिक स्कूल हैं और इन सभी स्कूलों में 539 अध्यापकों सहित अन्य कई पद खाली चल रहे हैं. शिक्षकों व प्राध्यापकों की कमी के कारण अभिभावकों को बच्चों का भविष्य अंधकार में डूबता नजर आ रहा है.
हालात ये हैं कि अगर किसी स्कूल में शिक्षकों की कमी को लेकर अभिभावक या स्थानीय लोग आवाज उठाते हैं तो वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर किसी दूसरे स्कूल से स्टाफ भेजकर औपचारिकता पूरी कर ली जाती है, लेकिन समस्या का स्थायी समाधान नहीं होता है.