कुल्लू: नगर परिषद कुल्लू में ईओ (executive officer - कार्यकारी अधिकारी) का पद लंबे समय से खाली रहने से विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं. आलम ये है कि ईओ का कार्यभार कभी एसी टू डी तो कभी तहसीलदार को थमाया जा रहा है.
करीब एक साल से ज्यादा का समय बीत चुका है और अभी तक कोई भी रेगुलर ईओ को नियुक्ति नहीं की गई है. ऐसे में नगर परिषद क्षेत्र में चल रही अमृत योजना पर भी इसका सीधा असर पड़ रहा है, जबकि नगर परिषद के रूटीन कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं. वहीं, कई ऐसे महत्वपूर्ण कार्य हैं, जिन्हें अभी शुरू किया जाना है, लेकिन रेगुलर ईओ ने होने से कार्य शुरू नहीं किया जा रहा.
लंबे समय से नगर परिषद कुल्लू कचरा प्रबंधन नहीं करवा पा रहा है, जिससे शहर में अव्यवस्था और कई विकास कार्यों पर पूर्णविराम लगा हुआ है. इसके अलावा शहर में गलियों, चौराहों पर कचरा प्रबंधन भी पूरी तरह हांफता हुआ नजर आ रहा है. करीब एक साल से नगर परिषद के ईओ का कार्यभार दूसरे अधिकारियों को दिया जा रहा है. जिनके पास पहले से ही अपने विभाग और कार्यालय से संबंधित कार्य का बोझ है. ईओ के स्थानांतरित होने के बाद कुछ समय के लिए एसी टू डीसी को एमसी कुल्लू के ईओ का कार्यभार दिया गया, लेकिन उस दौरान भी नगर परिषद के कार्यों को गति नहीं मिल पाई.
पूर्व विधायक महेश्वर सिंह ने बताया कि दशहरा पर्व भी आने वाला है और कई विकास कार्यो पर विराम लगा हुआ है. उन्होंने बताया कि अगर जल्द ही ईओ की तैनाती नहीं की जाती तो, इससे विकास कार्यों के साथ-साथ लोगों की भी मुश्किलें बढ़ जाएंगी.
बता दें कि शहर के लिए करीब 64 करोड़ की तो अमृत योजना है. इस योजना के तहत कुल्लू के पार्किंग का सौंदर्यीकरण, पार्किंग की व्यवस्था, पानी का प्रावधान, सब-वे, फ्लाई ओवर, पब्लिक लिफ्ट बनाने के साथ अन्य कई ऐसे काम हैं जिससे कुल्लू शहर का नक्शा बदला जाना है.