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बरसात के लिए विभागों ने शुरू की तैयारी, सितंबर तक कर्मचारियों की छुट्टी रद्द

प्रदेश में मानसून के दस्तक देते ही लोकनिर्माण विभाग, एनएच अथॉरिटी और आईपीएच विभाग ने कमर कस ली है. दरअसल प्रशासन किसी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहता है, क्योंकि बरसात में सबसे अधिक नुकसान लोकनिर्माण विभाग, एनएच अथॉरिटी और आईपीएच विभाग को होता हैं.

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Published : Jul 4, 2019, 10:26 AM IST

कुल्लू: प्रदेश में मानसून के दस्तक देते ही लोकनिर्माण विभाग, एनएच अथॉरिटी और आईपीएच विभाग ने कमर कस ली है. सभी विभागों ने बरसात से निपटने के लिए अपने फील्ड कर्मचारियों की छुट्टियों को सितंबर तक रद्द कर दिया है.

दरअसल प्रशासन किसी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहता है, क्योंकि बरसात में सबसे अधिक नुकसान लोकनिर्माण विभाग, एनएच अथॉरिटी और आईपीएच विभाग को होता हैं. लोक निर्माण कुल्लू ने 1300 और आईपीएच ने 600, एनएच अथॉरिटी ने करीब 100 फील्ड कर्मियों की छुट्टी रद्द की है. हालांकि अभी तक हुई बारिश से किसी तरह का बड़ा नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन इस बार की सर्दी में रिकॉर्डतोड़ बर्फबारी होने से 50 सालों का रिकॉर्ड टूटा है.

बरसात के दिनों में सेब सहित अन्य फल व सब्जियों का सीजन भी शुरू हो जाता है. ऐसे में बरसात की वजह से सड़कों के बंद होने से किसानों-बागवानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. विभाग ने अपने अधिकारियों को बरसात के मौसम में भूस्खलन से संवदेनशील इलाकों पर जेसीबी, डोजर व अन्य मशीनरी की उचित व्यवस्था करने के दिए निर्देश.

लोकनिर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता एसके धीमान ने बताया कि मानसून की बारिश से बंद होने वाली सड़कों को समय पर खोलने के लिए फील्ड में काम करने वाले कर्मियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी गई है.

फाइल फोटो
आईपीएच कुल्लू के अधिशासी अभियंता केआर कुल्लवी ने बताया कि बरसात में पानी की योजनाएं प्रभावित न हो, इसलिए आईपीएच ने भी अपने कर्मचारियों के अवकाश पर रोक लगा दी है. उन्होंने बताया कि सितंबर तक आपातकालीन स्थिति को छोड़कर किसी भी कर्मचारी को छुट्टी नहीं मिलेगी.

बता दें कि बरसात में भूस्खलन के लिहाज से जिला कुल्लू अति संवेदनशील है. एनएच-305 के साथ चंडीगढ़-मनाली हाईवे 3, मनाली-केलांग-लेह, ग्रांफू-काजा, लारजी-सैंज मार्ग कुल्लू-पीज, भुंतर-मणिकर्ण, बरशैणी, रोहाचला, कुठेड़-करशाला, छमाहण, बस्तोरी, जाणा, मलाणा के अलावा खराहल, लगवैली, मणिकर्ण, सैंज, आनी व बंजार इलाके की करीब 100 से अधिक ऐसी सड़कें हैं, जो बरसात में यातायात के लिए प्रभावित हो जाती हैं.

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