कुल्लूःजिला कुल्लू मेंशुक्रवार को ढालपुर मैदान देवी-देवताओं की देवधुन से गूंज उठा. अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में मुहल्ला पर्व के दिन यहां आए सभी देवी-देवता अपने अस्थाई शिविर से बाहर निकले और ढोल-नगाड़ों की थाप पर भगवान रघुनाथ के कैंप व नरसिंह भगवान की चानणी तक पहुंचे, जबकि अन्य देवी-देवता पुष्प रूप में यहां पहुंचे.
इस दौरान देवी-देवताओं की रथ यात्रा से ढालपुर मैदान सराबोर रहा. यही नहीं सभी देवी-देवताओं का भगवान रघुनाथ के रजिस्टर में बाकायदा एंट्री होने के बाद अठारह करड़ू देवी-देवताओं का रथ व पुष्प के रूप में देव महामिलन भी हुआ. बता दें कि इस देव महामिलन को मुहल्ला कहते हैं. इसके बाद देवी-देवताओं के दशहरा पर्व में रघुनाथ के दरबार में शक्ति का आह्वान हुआ.
दशहरा पर्व में इस शक्ति आह्वान को विधिवत रूप से किया गया. देवी हिडिंबा माता फूलों का गुच्छा जिसे शेश (प्रसाद) कहा जाता है, मिलने पर ही मुहल्ला पर्व शुरू हुआ. मुहल्ला उत्सव में देवी-देवता भगवान रघुनाथ जी के कैंप पर हाजिरी भरी, लेकिन सबसे पहले देवी हडिंबा का नाम दर्ज हुआ. देवी-देवता राजा की चानणी के पास भी हाजरी देते हैं.
इसके बाद देवी-देवताओं से लिया गया शेश राजा की गद्दी पर रखा गया और राजा अपनी राजगद्दी को छोड़कर साधारण कुर्सी पर बैठे. इसके बाद शक्ति का आह्वान हुआ. परंपरा के अनुसार शक्ति रूपी ब्राह्मण ने भागवान रघुनाथ जी के समक्ष शेर की सवारी में तलवार के साथ नाचते हुए ढाई फेरे लगाए.