यमुनानगर:फाइनेंस के वाहनों के रजिस्ट्रेशन फर्जीवाड़े में एक और खुलासा हुआ है. इन वाहनों के रजिस्ट्रेशन जगाधरी एसडीएम ऑफिस से अटैच ई-दिशा और सरल केंद्र के साथ-साथ बिलासपुर एसडीएम ऑफिस से भी हुए थे.
बिलासपुर एसडीएम ऑफिस से भी हुए रजिस्ट्रेशन
पहले सिरसा पुलिस ने फर्जीवाड़े का खुलासा करने और फिर हुडा थाने में एफआईआर दर्ज होने के बाद बिलासपुर एसडीएम ऑफिस के आरसी क्लर्क संदीप कुमार ने एसडीएम को बताया कि अमित की ओर से कुछ वाहनों के रजिस्ट्रेशन बिलासपुर एसडीएम ऑफिस से भी हुए हैं.
एसआईटी को दी गई जांच
जांच के दौरान 29 वाहनों का रजिस्ट्रेशन बिलासपुर एसडीएम ऑफिस से मिला है. बिलासपुर के एसडीएम वीरेंद्र ढुल ने जांच के लिए कमेटी बनाई है और उन फाइलों को भी निकाला गया. इसकी शिकायत एसपी को भेजी गई है और बिलासपुर एसडीएम ऑफिस के केस में भी जांच एसआईटी को दे दी गई है.
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इस तरह से वाहनों के फर्जी रजिस्ट्रेशन का मामला बढ़ता जा रहा है. बिलासपुर एसडीएम वीरेंद्र ढुल ने बताया कि उनके संज्ञान में आया कि अमित ने कुछ वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए उनके यहां के आरसी क्लर्क को फाइलें दी थी. इसकी जांच कराई गई तो 29 फाइलें मिली जिसकी शिकायत जिला पुलिस अधीक्षक को दी गई है.
आरोपी ने 600 गाड़ियों के कागजातों में फर्जीवाड़े की बात कबूली
अब तक ना तो जगाधरी एसडीएम ऑफिस के कर्मचारी अमित और अन्य आरोपी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया. वहीं 14 जनवरी को सिरसा पुलिस ने जगाधरी में रजिस्टर्ड गाड़ियां पकड़ी इनके रजिस्ट्रेशन में गड़बड़ी थी. इस मामले में रोहतक के सुनील छुटकारा को गिरफ्तार किया गया. उसने 600 गाड़ियों के कागजातों में फर्जीवाड़े की बात कबूली है.
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सुनील छुटकारा ने जगाधरी एसडीएम ऑफिस के कर्मचारी राजेंद्र और अमित के मिले होने की बात भी कबूली. सिरसा सीआईए की टीम जगाधरी एसडीएम ऑफिस में रिकॉर्ड लेने पहुंची तो एसडीएम ने जांच में पाया कि जिन तीन वाहनों को सिरसा पुलिस ने पकड़ा है उनकी फाइलें गुम है.
वहीं 16 फाइलों में गड़बड़ी मिली. इस मामले की शिकायत में कर्मचारी अमित, कुणाल, गगनदीप और शुभम को आरोपी बनाया गया. इसी तरह गांव सुडेल निवासी दीपक भी एक शिकायत लेकर एसडीएम के पास पहुंचा. जिसमें उसके संज्ञान के बिना ही उसके नाम पर कई गाड़ियां रजिस्टर्ड हो गई थी. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है.
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