यमुनानगर: लॉकडाउन का सीधा असर एशिया के सबसे बड़े प्लाईवुड उद्योग भी पड़ा है. उद्योगपतियों के मुताबिक इस उद्योग को करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है. उद्योगपतियों का कहना है कि सरकार ने 20 लाख रुपये के राहत पैकेज का ऐलान जरूर किया है, लेकिन इससे हमें कोई ज्यादा फायदा मिलने वाला नहीं है.
बता दें कि यमुनानगर में प्लाईवुड के बड़े उद्योग 360 के करीब हैं, लघु उद्योगों को मिलाकर जिले में 1000 के लगभग छोटे बड़े उद्योग हैं. जिले के प्लाईवुड एसोसिएशन के प्रधान जेके बिहानी ने ईटीवी भारत के खास बातचीत में बताया कि लॉकडाउन से पहले रोजाना करीब 50 करोड़ रुपये के करीब प्रोडक्शन होता था. जो अब घटकर 10 करोड़ रह गया है.
प्लाईवुड एसोसिएशन के प्रधान जेके बिहानी ने कहा कि जब भी ऐसी कोई आर्थिक मंदी आती है तो उसमें डिमांड की कमी रहती है और डिमांड की कमी को उभारने के लिए हमेशा से ये नियम रहा है कि सरकारें टैक्स काम करती हैं. अब भी डिमांड को बढ़ाने के लिए जीएसटी कम किया जाना चाहिए. जिससे डिमांड बढ़ेगी.
क्या हैं उद्योगपतियों की मांगें?
- जीएसटी कम किया जाना चाहिए
- इंडस्ट्री पर बैंक के जो ब्याज लगे हैं उन पर रियायत हो
- 20 परसेंट लिमिट बढ़ाने का जो पैकज दिया है उसपर ब्याज की दर 5% सीमित रखी जाए.
जेके बहानी ने कहा कि हरियाणा सरकार को प्लाईवुड इंडस्ट्री से करीब 80 करोड़ के लगभग रेवेन्यू जाता है. वहीं ऑल इंडिया प्लाईवुड इंडस्ट्री के प्रेसिडेंट दिवेन्दर चावला ने कहा कि लॉक डाउन के कारण इंडस्ट्री को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है, लॉकडाउन पूरा होने के बाद बाद ही ठीक से आंकलन किया जा सकेगा कि इस इंडस्ट्री को कितना नुकसान पहुंचा है.
सरकार के 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक राहत पैकेज पर दिवेन्द्र चावला ने कहा कि ये पैसा सीधा इंडस्ट्रीज को नहीं दिया जा रहा है. ये लोन के रूप में आएगा. उन्होंने कहा कि कर्जा ही लेना है और कर्जे में तो पहले ही डूब रहे हैं इसलिए ये कोई बहुत राहत की बात नहीं है.
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