यमुनानगर: यमुना के किनारे बसा गुमथला राव गांव बेशक छोटा है, लेकिन पहचान बहुत बड़ी है. यहां शहीदों का इकलौता मंदिर है, जहां 18 वर्ष से नियमित अमर शहीदों की पूजा होती है. मार्ग से गुजरने वाला हर कोई यहां रुककर नमन करना नहीं भूलता.
मंदिर में भारतमाता, भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव, उधम सिंह कंबोज, लाला लाजपत राय, करतार सिंह शराबा, नेता जी सुभाष चंद्र बोस, मंगल पांडेय, अशफाक उल्ला खां, चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमाएं हैं. इनके अलावा 125 शहीदों के हाथ से बने हुए चित्र हैं.
मंदिर में होती है शहीदों की पूजा
हम बात कर रहे हैं रादौर के गांव गुमथला राव स्थित इंकलाब मंदिर की, जहां पर सुबह शाम आजादी के मतवालों की पूजा होती है. पेशे से एडवोकेट वरयाम सिंह इस मंदिर के संस्थापक हैं. उन्होंने बताया कि 5 दिसंबर 2001 को शहीद भगत सिंह की पहली प्रतिमा स्थापित की गई. वरयाम सिंह बताते हैं कि अमर शहीदों के प्रति उनको लगाव बचपन से ही रहा है. स्कूल में पढ़ते समय से ही भगत सिंह पर कविताएं लिखने का शौक था.