सोनीपत:गोहाना से 6 किलोमीटर की दूरी पर रामगढ़ गांव बसा हुआ है. 1300 ग्रामीणों के इस गांव में सरकार ने 40 लाख रुपये की लागत से जलघर बनावाया था, लेकिन जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण अभी तक ग्रामीण स्वच्छ पानी के लिए तरस रहे हैं.
रामगढ़ गांव के ग्रामीण बीते कई वर्षों से गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. सरकारी डेटा के अनुसार तो दिसंबर 2018 से ही ग्रामीणों को साफ पानी मिल रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कागजी हकीकत से बिल्कुल परे है. ग्रामीणों को साफ पानी पीने के लिए तो छोड़िए देखने को भी नसीब नहीं होता है.
अब ग्रामीण बीते काफी समय से गंदा पानी पीने को मजबूर हैं, जिस वजह से कई गंभीर बीमारियों ने गांव में डेरा डाल लिया है. आए दिन छोटे-छोटे बच्चों की तबीयत गंदा पानी पीने से बिगड़ रही है, लेकिन प्रशासनिक तंत्र में किसी तरह की कोई हलचल नहीं है. ग्रामीण तो अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगाते-लगाते थक गए, लेकिन सरकारी मशीनरी ने अपना काम भगवान भरोसे छोड़ रखा है.