रोहतक:जिला रोहतक में सरकारी स्कूल से रिटायर्ड शिक्षक सूरत सिंह मलिक को पेंशन और भत्ता समय पर नहीं दिया जा रहा था. जबकि सूरत सिंह साल 2011 में रिटायर हो चुके थे. शिक्षा विभाग के एक क्लर्क ने उनके खिलाफ झूठी शिकायत दी थी. जिसके बाद उनके पेंशन संबंधी लाभ रोक दिए गए थे. इसके बाद सूरत ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हाईकोर्ट ने सूरत सिंह के पक्ष में फैसला सुनाते हुए मौलिक शिक्षा अधिकारी को पेंशन और भत्ता देने के आदेश दिए थे. लेकिन मौलिक अधिकारी ने पेंशन और भत्ता वक्त पर नहीं दिया. जिसके बाद कोर्ट ने अब बड़ा फैसला लिया है.
दरअसल, सिविल कोर्ट के आदेश की पालना नहीं करने के चलते कोर्ट ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी की सरकारी गाड़ी को जब्त करने के आदेश दिए हैं. जिसके बाद वीरवार को सरकारी गाड़ी को जब्त करके कोर्ट परिसर में खड़ा कर दिया गया. कोर्ट के आदेशों की पालना न करने के चलते कोर्ट ने ये कार्रवाई जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी के खिलाफ की है.
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हरियाणा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं चाणक्यपुरी निवासी सूरत सिंह मलिक 31 मार्च 2011 को भैणी मातो स्कूल से शिक्षक के तौर पर रिटायर हुए थे. उसी समय शिक्षा विभाग के एक क्लर्क ने गबन संबंधी एक झूठी शिकायत कर दी. जिसके बाद विभाग ने पेंशन संबंधी लाभ रोक दिए. हालांकि जांच में यह शिकायत झूठी निकली. जिला शिक्षा अधिकारी ने भी स्वीकार किया कि पत्र पर उनके फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं.