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रोहतक में रिटायर्ड कर्मचारियों की बैठक, पेंशन बढ़ोतरी समेत इन मांगों को लेकर देंगे मंडल स्तरीय धरना

रिटायर्ड कर्मचारी संघ हरियाणा ने मंगलवार को रोहतक में बैठक की. पेंशन में बढ़ोतरी समेत कई मांगों को लेकर उन्होंने सरकार और प्रशासन के खिलाफ रोष जाहिर किया.

retired employees meeting in rohtak
retired employees meeting in rohtak

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Published : Apr 11, 2023, 5:44 PM IST

रोहतक: मंगलवार को कर्मचारी भवन रोहतक में रिटायर्ड कर्मचारियों की बैठक हुई. जिसमें पेंशन बढ़ोतरी की मांग को लेकर उन्होंने सरकार और प्रशासन के खिलाफ रोष व्यक्त किया. रिटायर्ड कर्मचारियों ने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी कई तो आने वाले वक्त में वो आंदोलन को मजबूर हो जाएंगे. रिटायर्ड कर्मचारी संघ हरियाणा की ये बैठक संघ के प्रदेश अध्यक्ष जरनैल सिंह सांगवान ने की. उन्होंने कहा कि रिटायर्ड कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर 21 अप्रैल को हिसार, 24 मई को रोहतक, 9 अगस्त को गुरुग्राम में मंडल स्तरीय धरना दिया जाएगा.

इसके अलावा 22 सितंबर को अंबाला और 23 अक्टूबर को करनाल में मंडल स्तरीय धरना देंगे. सांगवान ने सरकार और प्रशासन के सामने मांग रखी कि 65 साल की उम्र के बाद 5 प्रतिशत, 70 साल की उम्र के बाद 10 प्रतिशत और 75 साल की उम्र के बाद पेंशन में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाए. इसके अवाला फैमिली पेंशन वालों को भी एलटीसी की सुविधा दी जाए. कोविड के दौरान काटे गए मंहगाई भत्ते का भुगतान किया जाए. वरिष्ठ नागरिकों को यात्रा में रेल में मिलने वाली रियायत जारी की जाए.

हरियाणा रोड़वेज की बसों में 60 साल की उम्र के बाद बुजुर्गों को 50 प्रतिशत किराया माफी के लिए सरल तरीका अपनाकर इसे तुरंत लागू किया जाए. उन्होंने कहा कि आयु के प्रमाण पत्र के लिए आधार कार्ड या वरिष्ठ नागरिक कार्ड व अन्य प्रमाण पत्र पर्याप्त हैं, तो अलग से डिपो प्रबंधकों द्वारा नया कार्ड बनाने के क्या औचित्य है. 60 साल से अधिक आयु के नागरिकों को इससे परेशानी हो रही है. रिटायर्ड कर्मचारियों ने ओल्ड पेंशन स्कीम बाहल की करने की मांग की है. इसके अलावा मेडिकल अलाउंस को 3 हजार रुपये मासिक देने की मांग की है.

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रिटायर्ड कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेश महासचिव रामकिशन ने नई शिक्षा नीति पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा को तहस-नहस करने के लिए नई शिक्षा नीति लेकर आई है. इसके माध्यम से सरकार ढांचागत व वैचारिक बदलाव कर रही है. उच्च शिक्षा में 67 प्रतिशत निजीकरण किया जा चुका है. शिक्षा को महंगा किया जा रहा है. फीस बहुत बढ़ा दी गई है. स्कूली स्तर पर भी निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है तथा प्राथमिक स्तर की कक्षा पहली व दूसरी को आंगनवाड़ी को सौंपा जा रहा है.

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