रोहतक: प्रदेश भर की आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स अपनी मांगों को लेकर 28 नवंबर को पंचकूला में विभाग के निदेशक कार्यालय के बाहर आक्रोश प्रदर्शन करेंगी. इससे पहले 6 नवंबर से 10 नवंबर तक सभी जिलों में उनका सम्मेलन होगा. इसके बाद 12 दिसंबर को सभी जिलों में सामूहिक अवकाश के साथ बीजेपी- जेजेपी विधायकों, सांसदों और मंत्रियों के आवास पर प्रदर्शन करेंगी.
रोहतक बैठक में हुआ फैसला- प्रदर्शन का ये फैसला गुरूवार को रोहतक प्रभात भवन में आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन हरियाणा के राज्य सम्मेलन में लिया गया. इस सम्मेलन में प्रमुख तौर पर आंगनवाड़ी फेडरेशन की अध्यक्ष उषा रानी, राज्य कार्यकारी अध्यक्ष उर्मिला रावत, कार्यकारी महासचिव बिजनेश राणा मौजूद रहीं. बैठक में ये भी तय हुआ कि 15 जनवरी तक ब्लॉक और जिला सम्मेलन होंगे और प्रदेश स्तरीय सम्मेलन 10 और 11 फरवरी को सिरसा में होगा.
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आंगनवाड़ी वर्कर से सौतेला व्यवहार कर रही सरकार- सम्मेलन में वक्ताओं ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करवाने का काम वर्कर्स से करवाया जा रहा है लेकिन सरकार उनसे सौतेला व्यवहार कर रही है. प्रदेश में 25 हजार आंगनवाड़ी केंद्र हैं जिनमे करीब 47 हजार वर्कर्स और हेल्पर्स काम कर रही हैं. इतने ही पद खाली पड़े हैं, जिन्हें भरा नहीं जा रहा है.
आंगनवाड़ी वर्कर की मांगें- दिन प्रति दिन महंगाई बढ़ती जा रही है. कर्मचारियों का काम का बोझ तो बढ़ाया जा रहा है लेकिन मानदेय में बढ़ोतरी नहीं हो रही. यूनियन की कार्यकारी अध्यक्ष उर्मिला रावत ने कहा कि 2021 और 2022 में चले आंदोलन में वर्कर्स और हेल्पर्स का 75 प्रतिशत मानदेय काट लिया गया. जिसे अभी तक जारी नहीं किया जा रहा है. उन्होंने 26 हजार रुपए मासिक वेतनमान करने और काटा गया मानदेय जारी करने की मांग की. आंगनवाड़ी वर्कर्स ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही मांगें नहीं लागू की गई तो आंदोलन तेज किया जाएगा.
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