रेवाड़ी:जात-पात की जड़ें आज भी हमारे समाज को खोखला कर रही हैं. ऐसा ही मामला जिले के नैनसुखपुरा गांव से सामने आया है. जहां मंदिर में भंडारा करवाने को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया
दबंगों ने किया हंगामा
बता दें कि गांव नैन में विजय पाल ने बाबा भैनिया से मन्नत मांगी थी कि उसकी बेटी ठीक हो जाएगी तो वो भंडारा करवाएंगे. लेकिन विजयपाल के भंडारा करने पर गांव के ही कुछ दबंगों को ऐतराज था. इसके बाद पंचायत करके दोनों पक्षों में सुलह करवाई गई कि आपस में पैसे मिलाकर भंडारा किया जाएगा. जिसके बाद रविवार को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में भंडारा तैयार करवाया गया.
पुलिस ने हंगामे को कराया शांत
लेकिन जैसे ही वाल्मीकि परिवार की महिलाएं प्रसाद चढ़ाने के लिए मंदिर में चढ़ीं तो दबंग लोगों ने रोक दिया. मौके पर पुलिस बल की मौजूदगी में महिलाओं ने मंदिर में प्रसाद चढ़ाया. जिसके बाद दबंगों ने हंगामा शुरू कर दिया और भंडारे का प्रसाद गौशाला भिजवा दिया. जिसके बाद किसी तरह पुलिस ने मामले को शांत करवाया.
क्यों लोगों को जात-पात के नाम पर बांटा जा रहा ?
हालांकि इस पूरे मामले पर वाल्मिकी परिवार ने कोई मामला दर्ज नहीं करवाया है. फिर भी मामले की गंभीरता को देखते हुए मौके पर पुलिस बल तैनात किया गया है. लेकिन समाज में उठते ऐसे मामले हमें सोचने पर मजबूर करते हैं कि 21वीं सदी में पहुंचकर भी हमारी सोच रूढ़िवादी क्यों है? क्यों हम जात-पात के आधार पर इंसानों को बांट रहे हैं.