पानीपत: किसी ने सच कहा है कि अच्छी नीयत से किए गए कामों का फल अच्छा ही होता है और इस बात का जीता जागता उदाहरण हैं पानीपत जिला बाल कल्याण अधिकारी रितु राठी (Panipat District Child Welfare Officer Ritu Rathi). रितु राठी पानीपत जिले के बेसहारा और जरूरतमंद बच्चों के लिए फरिश्ते से कम नहीं हैं. रितु सैकड़ों गरीब, अनाथ बच्चों की जिंदगी बदल चुकी हैं, लेकिन रितु राठी के काम जितने प्रेरणादायी हैं, उनकी इस मुकाम तक पहुंचने की कहानी भी उतनी ही प्रेरणादायी (Inspirational story of Child Welfare Officer Ritu Rathi) है.
रितु राठी आज पानीपत बाल कल्याण केंद्र (Child Welfare Center of Panipat) में मुखिया है, कभी इसी दफ्तर में वो मजह पांच हजार रुपये की तनख्वाह पर नौकरी किया करती थीं. उनकी नियुक्ति डीसी रेट (जिला आयुक्त की ओर से नियुक्त किए गए कांट्रेक्ट पर कर्मी) पर हुई थी. रितु राठी बताती हैं कि वो एक मध्यम वर्ग के परिवार से ताल्लुक रखती हैं. उन्होंने 2014 में बीएसडब्ल्यू (Bachelor of Social Work) किया. स्नातक के बाद वो पानीपत के ही बाल भवन में एक काउंसलर के पद पर ज्वाइन हुई.
देखिए पानीपत बाल कल्याण अधिकारी रितु राठी की प्रेरणादायक कहानी रितु राठी ने बताया कि जब वो बाल भवन में काउंसलर के पद पर थीं, तो उनके दिल में गरीब बच्चों को और मजदूरी करने वाले बच्चों को देखकर उनकी भलाई के लिए कुछ करने का मन करता था. वो कई प्रस्ताव लेकर अपने अधिकारियों के पास जाती थीं, लेकिन अधिकारी उनकी बातों को अनसुना कर देते थे, लेकिन बच्चों के लिए कुछ बेहतर करने की चाहत ने रितु को खुद को ऐसा बनने की प्रेरणा दी, जिसकी बातों को कोई अनसुना ना कर सके.
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रितु राठी ने मन में ठान लिया कि अब वह दोबारा अपनी शिक्षा को शुरू करेंगी और एक बड़ी अधिकारी बनेंगी. रितु ने ड्यूटी के साथ-साथ फिर अपनी पढ़ाई को शुरू किया. रितु ने एमएसडब्ल्यू (Masters in Social Work) की पढ़ाई पूरी की, तभी हरियाणा बाल कल्याण विभाग में भर्तियों के लिए आवेदन किया. साल 2017 में रितु राठी का जिला बाल कल्याण अधिकारी के पद पर चयन हो गया. रितु अपनी पहली ज्वाइनिंग गुरुग्राम से शुरू की. साल 2018 में रितु राठी की तीसरी ज्वाइनिंग पानीपत के बाल कल्याण अधिकारी के पद पर हुई है.
रितु राठी को पानीपत में कार्यभार संभाले हुए तीन साल हो चुके हैं. उन्होंने ईंट भट्टे पर काम करने वाले लगभग 350 बच्चों को प्राथमिक स्कूल में दाखिल करवाया है. पानीपत के नूरवाला में 150 मजदूर और गरीब बच्चों को स्कूल में दाखिल करवाया. कुरार गांव में 40 लड़कियों के लिए सिलाई सेंटर बनवाया. स्वास्थ्य विभाग आज तक जिन कुपोषित बच्चों तक नहीं पहुंच पाया था, ऐसे करीब 50 बच्चों को रितु राठी की टीम ने स्लम एरिया से ढूंढ कर स्वास्थ्य विभाग को अवगत करवाया और उन बच्चों को स्वस्थ कर माता पिता के हवाले किया.
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समाजिक भलाई के लिए रितु राठी के संकल्प से ना केवल गरीब बच्चों की जिंदगी बदल गई. बल्की उन्हें खुद आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली. रितु राठी कुछ साल पहले जहां एक कर्मी थीं, जहां उन्हें छोटा कर्मचारी होने के नाते उनकी सुनवाई तक नहीं होती थी. आज वहीं रितु राठी अधिकारी हैं. उनके किए काम इस देश के भविष्य को संजो रहा है. ऐसा मुमकिन है कि जिन बच्चों को रितु राठी ने गुरबत से निकाल कर हाथों में किताब थमाई है, शायद उन्हीं में से कोई ऐसा मुकाम हासिल करे कि देश का नाम पूरी दुनिया में चमक जाए.
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