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पानीपत में नहीं दिखा रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल का असर, सरपट दौड़ी बसें

हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों ने पानीपत में बुधवार को सांकेतिक हड़ताल की. इस दौरान राडवेज की बसें रूटिन की तरह चलती नजर आई. करीब 12 कर्मचारियों ने ही सांकेतिक हड़ताल में हिस्सा लिया.

Haryana Roadways employees Strike in Panipat
पानीपत में नहीं दिखा हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल का असर

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Published : Jan 8, 2020, 11:48 AM IST

पानीपत: देश की कई ट्रेड यूनियन और संगठनों ने आज भारत बंद का ऐलान किया है. इसी के समर्थन में हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों ने भी सूबे में चक्का जाम किया है. हालांकि पानीपत में रोडेवज कर्मचारियों की हड़ताल बेअसर दिखी. रूटिन की तरह पानीपत में रोडवेज की बसें दौड़ती नजर आई.

पानीपत में नहीं दिखा हड़ताल का असर
हरियाणा रोडवेज यूनियन ने पानीपत में बुधवार को सांकेतिक हड़ताल की. इस दौरान राडवेज की बसें रूटिन की तरह चलती नजर आई. करीब 12 कर्मचारियों ने ही सांकेतिक हड़ताल में हिस्सा लिया. कर्मचारियों ने डिपो में बैठकर धरना प्रदर्शन किया.

पानीपत में नहीं दिखा हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल का असर

ट्रेड यूनियन और संगठनों ने बुलाया है भारत बंद
बता दें कि देश की कई ट्रेड यूनियन और संगठनों ने आज भारत बंद का ऐलान किया है. इस भारत बंद का असर देश के बैंकिंग, ट्रांसपोर्ट सेक्टर पर पड़ सकता है. केंद्र सरकार की ‘एंटी नेशनल’, अर्थव्यवस्था विरोधियों नीतियों के खिलाफ इस बंद को बुलाया है. संगठन की ओर से दावा किया गया है कि इस भारत बंद में 25 करोड़ लोग शामिल होंगे.

ट्रेड यूनियनों की मांग क्या है?
जिन ट्रेड यूनियन ने भारत बंद बुलाया है, उनका दावा है कि केंद्र सरकार की ओर आर्थिक और जन विरोधी नीतियों को लागू किया जा रहा है. इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे लेबर लॉ का भी विरोध किया जा रहा है. स्टूडेंट यूनियन की ओर से शिक्षण संस्थानों में फीस बढ़ाने का विरोध किया जा रहा है. यूनियन की मांग है कि केंद्र सरकार का कर्मचारियों से बातकर नीतियों को आगे बनाना चाहिए.

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यूनियन की तरफ से 13 प्वाइंट की मांग रखी गई हैं
आम लोगों की जरूरत वाली चीजों के बढ़ते दाम को काबू करना
पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम, बेरोजगारी, महंगाई पर काबू पाना
इसके अलावा जो मुख्य मांग है कि मजदूरों की तन्ख्वाह बढ़ाना
इस मांग को काफी लंबे समय से रखा जा रहा है
यूनियन मजदूरों की न्यूनतम तन्ख्वाह 21 हजार रुपये प्रति माह की मांग

यूनियन की कुछ और मांगें
सोशल हेल्थ सर्विस में खुद को शामिल करना
मजदूरों को मिड डे मील मिलना
6000 रुपये की न्यूनतम पेंशन
पब्लिक सेक्टर बैंक के मर्ज का विरोध

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