पानीपत:नगर पालिका समालखा एरिया में जमीन को धोखाधड़ी से अवैध तरीके से बेचने (fraud in municipality samalkha) का मामला सामने आया है. जिसमें नगर पालिका के JE (Junior Engineer) और क्लर्क ने आरोपी जमीन विक्रेता के साथ मिलकर गलत रिकॉर्ड दर्शाया. जिसके आधार पर नई प्रॉपर्टी आईडी बनाकर 64 वर्ग गज जमीन को बेच दिया. जब मामला अधिकारियों के संज्ञान में आया तो 14 नवंबर को स्पेशल टीम गठित की गई.
जिसमें पानीपत नगर निगम के उप निगम आयुक्त जितेंद्र सिंह, सचिव प्रदीप कुमार, नगर पालिका समालखा के ME राजकुमार, पुलिस चौकी समालखा के SI सुरेंद्र सिंह को शामिल किया गया. टीम ने नगर पालिका समालखा के रिकॉर्ड का अवलोकन किया तो पाया कि आवेदनकर्ता सुरेश की प्रोपर्टी आईडी बनाते समय संबंधित वार्ड लिपिक व कनिष्ठ अभियन्ता द्वारा मौका पर जाकर ना तो प्रॉपर्टी का मुआयना किया और ना ही प्रॉपर्टी धारक का उक्त प्रॉपर्टी में फोटो लिया.
निदेशायल में अपडेट नहीं किया रिकॉर्ड- इसके बाद सम्पत्ति कर शाखा लिपिक विकास बजाड़ व कनिष्ठ अभियंता गौरव ने कार्यालय प्रोफार्मा पर सचिव के हस्ताक्षर करवाये बिना ही अपनी यूजर आईडी से ऑनलाइन बना दिया. जांच में सामने आया कि टैक्स डिमांड एवं क्लेकशन रजिस्टर में साल 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में प्रॉपर्टी आईडी में सचिन को 310 वर्गगज पहले ही अलाट किया गया था. नगर पालिका द्वारा पोर्टल पर प्रॉपर्टी आईडी संबंधित डाटा निदेशालय में अपडेट किया उस समय संबंधित आईडी का विवरण शाखा कर्मचारियों ने नहीं भेजा.
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प्रॉपर्टी आईडी नहीं बनने का उठाया फायदा-रिकॉर्ड नहीं भेजने के कारण प्रॉपर्टी आईडी सचिन के नाम पर अपडेट नहीं हो पाई. जिसका फायदा उठाकर वार्ड क्लर्क और कनिष्ठ अभियंता (JE) द्वारा यह आईडी सुरेश कुमार के नाम अलॉट कर दी. ना तो जेई और क्लर्क ने मौके का मुआयना किया और ना हीं सचिन के हस्ताक्षर करवाए और फ्रॉड प्रॉपर्टी आईडी बना दी. आरोपी सुरेश कुमार ने प्रॉपर्टी आईडी बनने के बाद इस 64 वर्ग गज जमीन को आगे बेच दिया. जब जांच में धोखाधड़ी से जमीन की प्रॉपर्टी आईडी बनाकर बेचने की पुष्टि हुई तो पुलिस ने नगर पालिका JE, क्लर्क सहित 3 पर केस दर्ज कर लिया है. मामले की जांच की जा रही है.