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Published : Jan 14, 2021, 4:01 PM IST

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महिलाओं में माहवारी को लेकर सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन ने चलाया प्रदेश स्तरीय अभियान

सुनील जागलान ने बताया कि मेरी कार्रनर जिन्होंने पहली बार महिलाओं के लिए माहवारी के लिए सेनेट्री बेल्ट की खोज की थी. उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि स्वरुप सुनील जागलान ये अभियान उनको समर्पित किया है.

Selfie with Daughter Foundation Haryana
Selfie with Daughter Foundation Haryana

नूंह: किशोरियों और महिलाओं को माहवारी के दौरान होने वाली समस्याओं में उस समय उनकी विशेष देखभाल की जरूरत को लेकर सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन ने नई पहल की शुरुआत की है. इस पहल के तहत माहवारी का चार्ट हर घर की दीवार पर लगाया जाएगा.

फाउंडेशन के संस्थापक सुनील जागलान कहते हैं कि माहवारी के विषय में जागरूकता का अभाव और समय से पीरियड का नहीं आना महिलाओं में कई प्रकार की बीमारियां लेकर आता है, पीरियड चार्ट में घर की सभी फीमेल सदस्यों के नाम के साथ हर महीने की माहवारी की तारीख लिखी जाएगी.

नूंह से की गई प्रदेश स्तरीय अभियान की शुरुआत

इससे घर के पुरुष सदस्य भी इस विषय पर जागरूक हो सकेंगे. आज प्रदेश भर के 150 परिवारों में इस अभियान को एक साथ शुरू करवाया गया है. जिसमें अकेले मेवात के करीब 40 परिवारों ने भाग लिया. सुनील जागलान ने बताया कि मेरी कार्रनर जिन्होंने पहली बार महिलाओं के लिए महावारी के लिए सेंट्री बेल्ट की खोज की थी. उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि स्वरुप सुनील जागलान ये अभियान उनको समर्पित किया है.

सुनील जागलान कहते हैं कि महिलाओं को माहवारी के समय विभिन्न समस्याओं से गुजरना पड़ता है. काफी महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन भी नहीं मिल पाते. गांव की महिलाएं हो या फिर शहर की सेनेटरी नैपकिन मंगवाने में झिझक महसूस करती हैं. माहवारी के समय स्त्री थकान महसूस करती हैं.

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लगातार तीन-चार दिन का रक्त उसे कमजोर करता है. कई महिलाओं को इस समय हाथ, पैरों में सूजन, पैरों में दर्द, कमर दर्द, बुखार, भूख ना लगना, कब्ज जैसी अन्य समस्याएं भी होती हैं. कुल मिलाकर माहवारी के समय स्त्री का स्वास्थ्य विशेष देखभाल की मांग करता है. उसे आराम की वो जरूरत होगी. जिसे अति संवेदनशील पितृसत्तात्मक समाज नहीं समझता या स्त्री के इस प्राकृतिक नियम को समाज उसी कमजोरी मानता है, जो कि उनकी सोच की विकृति है.

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