नूंह: माहवारी एक ऐसा शब्द है, जिसे 21वीं सदी में भी हीन भावना से जोड़कर देखा जाता है. यहां तक कि लड़कियां परिजनों को भी बताने से हिचकती हैं, जिसकी वजह से वो कई गंभीर बीमारियों का शिकार भी हो जाती हैं, लेकिन नूंह जिले की बहादुर बेटियों ने माहवारी को लेकर देश की बेटियों, महिलाओं को एक संदेश देने का काम किया है.
दरअसल सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन के जनक सुनील जागलान ने माहवारी चार्ट नाम का अभियान चलाया है. जिसके बाद सामाजिक ताने-बाने से लड़ने के बाद ना केवल बेटियों के चेहरे पर मुस्कान हैं, बल्कि उनके माता-पिता भी अब उनको दिल खोल कर सहयोग कर रहे हैं.
पैडमेन के बाद नूंह के 'पैडमित्र' से मिलिए, जिन्होंने पीरियड्स को लेकर नज़रिया ही बदल दिया क्या है महावारी चार्ट अभियान ?
आपको याद होगा सेल्फी विद डॉटर अभियान बीबीपुर गांव के पूर्व सरपंच सुनील जागलान ने शुरू किया था. पीएम मोदी ने भी उनके इस अभियान की सराहना की थी. इसके बाद उन्होंने माहवारी को लेकर एक और अभियान चलाया है. सुनील जागलान ने महावारी को लेकर एक चार्ट बनाया है. जिसमें हर घर की महिलाओं के नाम उम्र और पीरियड्स की तारीख लिखकर घर लगा दिया जाता है. ताकि घर के सभी सदस्यों को इसके बारे में जानकरी रहे. इस अभियान को नूंह में लड़कियों और महिलाओं ने काफी पसंद किया है.
अपना माहवारी चार्ट तैयार करती बेटी हरियाणा के इन जिलों में चलाया अभियान
सुनील जागलान ने बताया कि हरियाणा के जींद, मेवात, गुरुग्राम, फरीदाबाद, करनाल, रेवाड़ी, रोहतक में लड़कियों ने चार्ट लगाकर उनके फोटो व्हाट्सएप करके भी भेजे. महिलाओं ने बताया कि ये अभियान आज के समय में बहुत जरूरी है, क्योंकि माहवारी के समय में फेर होने पर होर्मोनंस डिसॉर्डर होने पर महिलाओं को बहुत ज्यादा समस्या होती है.
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अभियान के फाउंडर सुनील जागलान ने बताया कि माहवारी चार्ट अभियान से घर में सभी सदस्य इसके बारे में जानेंगे घर में छोटा बच्चा इसे देखता हुआ बड़ा होगा. वो पहले से इस बारे में संवेदनशील और जागरूक होगा. ताकि वो जरूरत से पहले ही सैनेटरी पैड मुहैया करवा सके. सुनील जागलान ने कहा कि ये अभियान हरियाणा के अलावा हिमाचल, बिहार और महाराष्ट्र में भी चलाया गया है. वहां कि लड़कियों ने माहवारी चार्ट लगा कर फोटो उन्हें भेजी और उसे सोशल मीडिया पर शेयर किया.
कौन हैं सुनील जागलान?
इससे पहले सुनील जागलान ने साल 2011 में सेनेटरी पैड बनाने की मशीन अपने गांव बीबीपुर की महिलाओं को मुहैया करवाई थी. साल 2017 में सेनेटरी पैड के साथ फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर डालने के लिए अपील कर बेड मित्र अभियान शुरू किया था. इसके साथ बेटियों की प्रोफाइल नेम प्लेट घर के बाहर लगाने का अभियान भी जागलान ने चलाया है.
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सुनील जागलान ने बेटियों के नाम नेम प्लेट अभियान साल 2015 में शुरू किया था. अब तक 15,000 से ज्यादा नेमप्लेट लग चुकी हैं. उन घरों में भी अब माहवारी चार्ट लगाने की योजना सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन तैयार कर रहा है. इस अभियान की शुरूआत में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. क्योंकि पुरुषों को समझना काफी मुश्किल काम था. लेकिन सुनील जागलान ने हार नहीं मानी और अब वो इस अभियान को सफलता पूर्वक चला रहे हैं.