नूंह:इस महापंचायत में फैसला लिया गया कि सीएम मनोहर लाल ने वादे के मुताबिक उनकी मांगों को जल्द नहीं माना तो करीब दर्जन भर जातियों के लोग एकजुट होकर धरना-प्रदर्शन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे. महापंचायत का आयोजन समाज कल्याण सोसायटी नूंह के सौजन्य से किया गया जिसमें समाज में फैली बुराइयों को लेकर भी चिंता व्यक्त की गई.
बेंसी गांव में रविवार को बाल्मीकि, मजहबी, धानक, ओड, बाजीगर, कोरी, कौली, डेहा, मेघ, सांसी, खटीक इत्यादि बिरादरी के सैंकड़ों लोगों ने कहा कि भाजपा ने वर्ष 2014 के चुनावी घोषणापत्र में अंत्योदय के तहत वादा किया था कि आरक्षण का प्रस्ताव बनाकर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग से स्वीकृत कराकर लागू कराया जायेगा लेकिन अभी तक इस पर कोई अमल नहीं हुआ.
पंचायत में कहा गया कि ये जातियां आर्थिक रूप से पिछड़ी हुई हैं, इसलिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान है. महापंचायत का कहना है कि पूर्व सीएम भजनलाल की सरकार ने एससी-ए, बी को बराबर का लाभ दिया, लेकिन पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दोनों कैटेगरी की जातियों को बराबर कर दिया. जिससे अतिवंचित, उपेक्षित अतिवंचित व उपेक्षित अनुसूचित जाति ब्लॉक ए का ऐसा नुकसान हुआ जिसकी भरपाई नहीं हो सकती.
भाजपा ने अगर इन जातियों के लोगों की मांग को गंभीरता से नहीं लिया तो विधानसभा चुनाव में इन समाज के लाखों लोगों की नाराजगी महंगी पड़ने से इनकार नहीं किया जा सकता. महापंचायत में समाज में फैली जुआ, सट्टा, शराब जैसी बुराइयों पर अंकुश लगाने तथा बच्चों की शिक्षा पर जोर देने पर भी बात हुई.