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करनाल: राइस मिलर्स ने खत्म किया सरकार से कॉन्ट्रेक्ट, बंद करेंगे मिल

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Published : Dec 17, 2019, 11:20 PM IST

करनाल में राईस मिलर्स ने सरकार पर अपनी मांग को लेकर दबाव बनाया. हरियाणा राइस मिल असोसिएशन ने सरकार के साथ कस्टम मिलिंग कांट्रेक्ट को खत्म कर दिया है और अपने राइस मिलों को बंद करने ऐलान किया है.

rice millers ended contract with govt. in karnal
राइस मिलर्स

करनाल:प्रदेशभर में राइस मिलर्स की सरकार के प्रति नाराजगी देखने को मिल रही है. इसी बीच करनाल में राईस मिलर्स ने सरकार पर अपनी मांग को लेकर दबाव बनाया. आपको बता दें कि प्रदेशभर की राइस मिलों में हुई छापेमारी से राइस मिलर्स अपमानित महसूस कर रहे है.

राइस मिलर्स का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

हरियाणा राइस मिल असोसिएशन ने सरकार के साथ कस्टम मिलिंग कांट्रेक्ट को खत्म करते हुए अपने राइस मिलों को बंद करने ऐलान किया है. अब मिलर्स सरकारी चावल को तो बंद करेंगें ही साथ ही सरकार का धान भी वापिस करेंगे. आपको बता दें कि करनाल के लघु सचिवालय पहुंचे व्यापारियों ने सरकार के प्रति अपना रोष जाहिर किया और सरकार के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा.

राइस मिलर्स ने खत्म किया सरकार से कॉन्ट्रेक्ट, देखें वीडियो

सरकार को वापस देंगे धान

असोसिएशन के अध्यक्ष विनोद गोयल ने सरकार के प्रति गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि फिजिकल वैरिफिकेशन (पीवी) के नाम पर सरकार प्रदेश के व्यापारियों को प्रताडि़त और अपमानित भी कर रही है. जिसे असोसिएशन बिलकुल सहन नहीं करेगी. असोसिएशन 19 दिसंबर को राइस मिलर्स पर होने वाली छापेमारी का पूरजोर विरोध करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार अब तक दो बार पीवी कर चुकी है, जिसमें कोई भी अनियमितता नहीं मिली है.

बावजूद इसके प्रदेश सरकार डंडे के दम पर 19 दिसंबर को एक बार फिर राइस मिलों में छापेमारी करना चाहती है, जिसे असोसिएशन बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा. हरियाणा के सभी राइस मिलर्स 18 दिसंबर को सरकारी चावल की डिलीवरी बंद कर देंगे. उन्होंने कहा कि सरकार कस्टम मिलिंग का कांट्रेक्ट रद्द समझें और मिलर्स सरकार की धान लौटाने को तैयार है.

पीवी के नाम पर कर रही है सरकार परेशान

उन्होंने कहा कि सरकार के पास चावल लगाने की भी जगह नहीं है. सरकार चावल के लिए जगह तैयार ना करके व्यापारियों को पीवी के नाम पर परेशान करने का काम कर रही है. पीवी के नाम पर व्यापारी को ब्लैकमेल किया जा रहा है. पिछले वर्ष राइस मिलर्स ने सरकार का 99.9 प्रतिशत चावल सरकार को दिया था.

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हरियाणा के राइस मिलर्स की नियत साफ है, लेकिन सरकार में बैठे कुछ अधिकारी अपने निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिए व्यापारी वर्ग को जान बुझकर अपमानित कर रहे है. राइस मिलर्स अपना अपमान कतई सहन नहीं करेगें.

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