करनाल: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के चलते सीबीएसई 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द (cbse board exams cancelled) कर दी गई है. पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में ये फैसला किया गया.
सरकार के इस फैसले पर 12वीं के छात्रों की मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिली. ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने जब करनाल में 12वीं के बच्चों से बात की तो कुछ सरकार के इस फैसले से संतुष्ट नजर आए तो कुछ ने माना कि परीक्षाएं होती तो ज्यादा अच्छा रहता.
CBSE board exams cancelled: छात्रों ने किया सरकार के फैसले का स्वागत छात्रों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
देवांश नाम के छात्र ने कहा कि केंद्र सरकार ने ये सही फैसला किया है. क्योंकि परीक्षाओं के दौरानकोविड नियमों(Covid guidelines) की पालना करना मुश्किल होता क्योंकि बड़ी संख्या में विद्यार्थी परीक्षा देने आते. सरकार के पास इतने सेंटर नहीं हैं कि वो सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) को मैंनटेन कर पाए. अगर बड़ी संख्या में छात्र परीक्षा देने आते भी तो भीड़ इकट्ठा जरूर होती. जिससे कोविड के संक्रमण के बढ़ने की आशंका ज्यादा रहती.
ऑनलाइन हो सकती थी परीक्षा?
जतिन नाम के छात्र ने कहा कि बारहवीं कक्षा के अधिकतर विद्यार्थी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं. इसके साथ-साथ उन्हें 12वीं बोर्ड (12th Board Exam)की परीक्षाओं की भी तैयारी करनी पड़ती. जिससे उनके ऊपर बोझ ज्यादा बढ़ जाता. जतिन ने कहा कि कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की वजह से हमारी पढ़ाई भी पूरी नहीं हो पाई. भले ही बोर्ड ने सिलेबस को आधा कर दिया हो, लेकिन अधूरी तैयारियों के परीक्षा करवाना सही नहीं था.
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छात्र अंश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एकदम सही फैसला किया है. उन्होंने कहा कि जान है तो जहान है. अंश ने कहा कि पीएम मोदी ने हम बच्चों की सेहत को देखते हुए ये कदम उठाया है. जो काफी सराहनीय है. वहीं छात्रा सोनम शर्मा सरकार के इस फैसले का नुकसान भी समझाया. उन्होंने कहा कि 12वीं की परीक्षाएं होनी चाहिए. क्योंकि भविष्य में मैरिट को लेकर उन्हें परेशानी हो सकती है. वहीं बच्चों के अभिभावक भी सरकार के इस फैसले के साथ खड़े नजर आए. उन्होंने 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला सही माना.