कैथल: भारत को दुनिया के उन देशों में गिना जाता है जहां आज भी हर साल लाखों टन अनाज मॉनसून की वजह से खराब हो जाता है. वो भी सिर्फ इस वजह से कि क्योंकि यहां अनाज स्टोर करने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. बात करें हरियाणा की तो यहां हर साल मॉनसून किसानों की मेहनत पर इस कदर पानी फेरता है कि लोग भुखमरी के कगार पर आ जाते हैं. यह हालात तब हैं जब देश में अनाज की कोई किल्लत नहीं है, बल्कि इतना अनाज है कि उसे संभालने की जगह ही नहीं है और वो सड़ रहा है.
ईटीवी भारत की मुहिम 'ऑपरेश गोदाम'
इसलिए ईटीवी भारत की टीम ने एक मुहिम शुरू की है 'ऑपरेशन गोदाम' जिसके तहत ये कोशिश की गई है कि किसी भी अन्नदाता की मेहनत पानी अपने साथ न बहा ले जाए. इसी के तहत जब कैथल में टीम ने गोदामों और खुले में रखे गए अनाज के रखरखाव का जायजा लिया, तो यहां के वेयर हाउस का हाल भी बेहाल दिखा.
90% गेहूं गोदाम के बाहर पड़ा
इस बार सरकार की तरफ से 7 लाख 51 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था उनमें से 90% बाहर ही पड़ा है क्योंकि गोदाम में 2018 का अनाज रखा हुआ है और वहां पर जगह नहीं है.
बारिश में बाहर रखे अनाज का क्या होगा हाल
वहीं अधिकारी कहते हैं कि वेयर हाउस में अनाज को अच्छी तरह पूरे ट्रीटमेंट के साथ खुले में रखा गया है. लेकिन बाहर रखे गेहूं का बारिश में क्या हाल होगा इसका अंदाजा खुद लगाया जा सकता है.
सरकारी मशीनरी की अव्यवस्था से बर्बाद हो रहा अनाज
किसानों की महीनों की कठोर मेहनत से पैदा हुआ अनाज सरकारी मशीनरी की अव्यवस्था से बर्बाद हो रहा है. कितनी बड़ी विडंबना है कि सरकार अनाज को सड़ने देती है. हैरानी की बात यह भी है कि उचित भंडारण न हो पाने के कारण अनाज के सड़ने की खबरें पिछले कई साल से आती रही हैं, लेकिन इस दिशा में सरकार को कोई ठोस कदम उठाने की जरूरत महसूस नहीं हुई.